Uttar Pradesh

इविवि में मनाया गया 138वां स्थापना दिवस समारोह

गायन करती मालिनी अवस्थी
उपाधि देते कुलपति

–प्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी को प्रदान की गई ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि

प्रयागराज, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मंगलवार को 138वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश एमसी त्रिपाठी सहित अन्य अतिथियों दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। स्थापना दिवस कार्यक्रम में पद्श्री मालिनी अवस्थी को ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रदान किया।

कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि हम यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्थापना अवसर पर इकठ्ठा हुए हैं। उन्होंने इस अवसर पर इलाहाबाद शहर के विकास के साथ विश्वविद्यालय के स्थापित होने के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। साथ ही विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान देने वाले विभिन्न महानुभावों को भी याद किया। उन्होंने विभिन्न किताबों और प्रकाशित साहित्यों में दर्ज विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक विकास की कहानी को भी उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं, विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति से लेकर कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री भी दिए, जिन्होंने देश को नेतृत्व प्रदान किया है। इसके साथ ही, हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के कई न्यायाधीश भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुए हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर अनगिनत शिक्षाविदों ने विश्व में प्रयागराज का नाम रोशन किया है। साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी इविवि ने सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है।

इस दौरान 370 शिक्षकों की और 611 गैर शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के कीर्तिमान बने हैं तो अनुशासन को पुनः स्थापित किया गया है। इसके साथ ही कई नए भवन भी निर्मित किए गए हैं। लंबे समय बाद एलुमिनाई एसोसिएशन का पुर्नगठन किया गया है जिससे इविवि की जड़े मजबूत हुई हैं। नई शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू किया गया है, अब विश्वविद्यालय में चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम हो रहा है। इसके साथ ही एनआईआरएफ रैंकिंग में भी इविवि को स्थान मिला है। पिछले चार में 60 पेटेंट ग्रांट हुए हैं और 7540 रिसर्च पेपर्स स्कोपस में इंडेक्सड हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दादरा नगर हवेली से दिल्ली तक, गुजरात, उड़ीसा समेत भारत के 26 राज्यों से छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। उन्होंने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति में भी सुधार हुआ है। उन्होंने रवीन्द्रनाथ टैगोर की पंक्तियों के साथ अपना भाषण समाप्त किया।

–पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने ग्रहण की ऑनरोस कॉजा की उपाधिभारतीय लोक संस्कृति की ख्याति को विदेशों तक पहुंचाने के लिए पद्मश्री मालिनी अवस्थी को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ओर से ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रदान की। इस अवसर पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त कर गर्व महसूस कर रही हूं। मेरा साहित्य से प्रारम्भ से लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे शिक्षा इलाहाबाद में मिली लेकिन दीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई है। जिस अवधी संस्कृति को आगे बढ़ाया वह इलाहाबाद की बोली से उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि साहित्य के बिना संगीत नहीं चल सकता है। यहां की सांस्कृतिक सत्ता को प्रणाम करती हूं, इस गुरूकुल को प्रणाम करती हूं।

–लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने जीवंत किया लोकगायन स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान मालिनी अवस्थी ने जीवंत लोकगायन प्रस्तुत किया। उन्होंने अवधी लोकगीतों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी, जिसने पूरी दर्शक-मंडली को लोक-संगीत की मधुरता और उत्साह से सराबोर कर दिया। उनके भावपूर्ण गायन और लयबद्ध प्रस्तुति ने संध्या को एक अविस्मरणीय अनुभव में बदल दिया, जिसे उपस्थित लोग अपनी स्मृतियों में लम्बे समय तक संजोकर रखेंगे।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. जया कपूर और डॉ. श्लेष गौतम ने किया। कवि और गीतगार डॉ. श्लेष गौतम ने बेटियों पर केंद्रित एक कविता सुनाकर समां बांध दिया। इस दौरान कुलसचिव प्रो. आशीष खरे सहित सभी संकायों के अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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