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केंद्र सरकार मेदाराम जतरा महोत्सव को राष्ट्रीय दर्जा दे और इसके लिए धन मुहैया करवाएः रेवंत रेड्डी

रेवंत रेड्डी

मेदारम, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों के कल्याण के लिए काम कर रही है। मुलुगु जिले के मेदाराम स्थित सम्मक्का-सरलम्मा माता मंदिर का दौरा करने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ मंदिर के विकास कार्यों की समीक्षा की। मेदाराम जतारा (मुख्य रूप से कोया जनजाति द्वारा मनाया जाता है) विश्व की सबसे बड़ी जनजातीय धार्मिक मंडली है, जिसे द्वि-वार्षिक (दो वर्ष में एक बार) रूप से आयोजित किया जाता है, जिसमें मेदाराम में ‘माघ’ (फरवरी) माह में पूर्णिमा के दिन इस चार दिवसीय महोत्सव पर लगभग एक करोड़ लोग एकत्रित होते हैं।

सम्मक्का-सरलाम्मा जतरा या मेदरम जतारा भारत के तेलंगाना राज्य में मनाया जाने वाला देवी-देवताओं के सम्मान का त्योहार है। यह जतारा दुनिया के सबसे बड़े जनसमूहों में से एक है। जतारा जयशंकर भूपलपल्ली जिले के ताड़वई मंडल के मेदाराम से शुरू होता है। जम्पन्ना वागु, गोदावरी नदी की एक सहायक नदी है, जिसका नाम आदिवासी योद्धा जम्पन्ना के नाम पर रखा गया, जो काकतीय सेना के विरुद्ध युद्ध में उनके रक्त से लाल हो गई थी।

जिला प्रशासन के अधिकारियों और मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य सरकार की ओर से आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मंदिर का विकास एक भावनात्मक जिम्मेदारी है। उन्हें और महिला कल्याण मंत्री सीतक्का को इन कार्यों का सौभाग्य प्राप्त है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए उत्तर प्रदेश के राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपये दिए। उन्होंने सवाल किया कि आदिवासियों के कुंभ मेले ‘मेदारम जतारा’ को धन क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस महोत्सव को राष्ट्रीय दर्जा दे और इसके लिए धन मुहैया कराए।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि सम्मक्का-सरलम्मा के आशीर्वाद से, मैंने 6 फरवरी, 2023 को यहां से पदयात्रा शुरू की। तेलंगाना पर आई बुराइयों से मुक्ति पाने के लिए हमने इस भूमि पर कदम रखा है। उस समय के शासकों ने सम्क्क-सरलम्मा मंदिर के विकास में भेदभाव किया था, लेकिन हमारी सरकार करोड़ों रुपये मंजूर करने को तैयार है। हम इसमें आदिवासियों, पुजारियों और पारंपरिक परिवारों को भागीदार बना रहे हैं। सम्मक्का और सरलम्मा के आशीर्वाद से जनता की सरकार बनी है। हमने मंदिर को स्थायी रूप से विकसित करने का निर्णय लिया है। मैं स्थानीय लोगों की राय जानने के लिए यहां आया हूं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि काम 100 दिनों के भीतर पूरा हो जाए। हमने मंदिर की संरचनाओं को केवल पत्थर की संरचनाओं से बनाने के लिए डिज़ाइन किया है। हमने संरचनाओं को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय गोवारी सहायक नदी जम्पन्नवगु में जल भंडारण सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बनाई जानी चाहिए। जिला प्रशासन को अगले सौ दिनों में समर्पण के साथ काम पूरा करना है। हम महा जतारा के समय तक काम पूरा कर लेंगे। यह स्थानीय लोगों की भागीदारी और सहयोग से संभव है। हम महा जतारा के लिए फिर से आएंगे। आइए इस बार जतारा को शानदार बनाएं।

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(Udaipur Kiran) / नागराज राव

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