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जिंदा बम प्रकरण में राज्य सरकार ने कहा अभियुक्तों के खिलाफ हैं पर्याप्त साक्ष्य

हाईकाेर्ट

जयपुर, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । शहर में 13 मई, 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद जिंदा मिले बम के मामले में अभियुक्तों को मिली आजीवन कारावास के खिलाफ पेश अपील में राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश किया है। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस बीएस संधू ने मामले में 13 अक्टूबर को सुनवाई तय की है। अदालत ने यह आदेश शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।

अपील में शाहबाज हुसैन व सरवर आजमी की ओर से कहा गया कि अधिवक्ता फारुख अहमद व अन्य वकीलों ने कहा कि घटना में हुए बम धमाकों में दर्जनों लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। उस मूल मामले को लेकर दर्ज आठ एफआईआर में याचिकाकर्ताओं को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया था। ऐसे में यह मामला उसी घटना से जुडा है और इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। ऐसे में जब मूल मामले में ही याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट बरी कर चुका है तो जिंदा बम में मामले में अलग से सजा देने का कोई आधार ही नहीं है। ऐसे में इस मामले में भी उन्हें दोषमुक्त किया जाए। जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि जिंदा बम को लेकर पूरी कार्रवाई अलग से चली है और अभियोजन पक्ष के बाद याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। ऐसे में निचली अदालत का आदेश सही है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले में 13 अक्टूबर को सुनवाई तय की है। निचली अदालत में विशेष लोक अभियोजक रहे सागर तिवारी ने बताया कि बम कांड की विशेष अदालत ने दोनों याचिकाकर्ताओं सहित मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान को गत 8 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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(Udaipur Kiran)

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