मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता 29 सप्ताह की गर्भवती पाई गई
हाईकोर्ट ने सरकार को दिए चार लाख मुआवजा देने का निर्देश
हिसार, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हिसार की 14 वर्षीय
नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भपात की इजाजत नहीं दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि मेडिकल
बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता 29 हफ्ते की गर्भवती है और उसकी तबीयत को देखते
हुए गर्भपात करना सुरक्षित नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील मनीष बोरा ने मंगलवार काे बताया कि हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश
दिया कि वह पीड़िता को अंतरिम राहत के तौर पर चार लाख रुपए मुआवजा तुरंत दे। जस्टिस
सुवीर सहगल ने आदेश में कहा कि हरियाणा स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी पीड़िता का केस
देखकर दो महीने के भीतर पूरी राहत देने पर विचार करें। मुआवजे की अंतिम राशि का फैसला
आगे चलकर सेक्शन 396(5) बीएनएसएस के तहत होगा।
हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता के मामले में स्पष्ट आदेश दिए हैं कि पीड़िता
को जब भी जरूरत पड़े, उसे पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती किया जाए और डिलीवरी तक पूरी मेडिकल
सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अदालत ने यह भी कहा कि बच्चे के जन्म के बाद पीजीआई डीएनए
सैंपल सुरक्षित रखे और जांच अधिकारी को सौंपे। आदेश में आगे कहा गया कि अगर डिलीवरी
के बाद पीड़िता बच्चा गोद देने की इच्छा जताती है तो हरियाणा सरकार और उसकी एजेंसियां
बच्चे की पूरी जिम्मेदारी लेंगी और कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद लेने या फॉस्टर केयर
का प्रबंध करेंगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर
पीड़िता और उसके परिवार की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
इस संबंध में इस वर्ष 18 अगस्त का हिसार जिले में केस दर्ज किया गया था। पीड़िता
की मां ने 18 अगस्त 2को जिले के नागरिक अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद नाबालिगा से
दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। इसमें पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 4(2), 6 और बीएनएस
2023 की धारा 65(1) के तहत केस दर्ज किया गया। मेडिकल जांच में यह सामने आया कि पीड़िता
28 हफ्ते से अधिक की गर्भवती है। बाद में पीजीआई चंडीगढ़ की स्थायी मेडिकल बोर्ड ने
भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि पीड़िता की धड़कन और ब्लड प्रेशर असामान्य है और ऐसे में
गर्भपात सुरक्षित नहीं होगा। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया
है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
