
हरिद्वार, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कन्या गुरूकुल परिसर, गुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रो. ब्रह्मदेव विद्यालंकार द्वारा संस्कृत एवं हिन्दी वर्णों का वैज्ञानिक स्वरूप विषय पर व्याख्यान पीपीटी के माध्यम से दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृत विभाग की छात्राओं के मंत्रोच्चार से हुआ।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति ने छात्राओं को आशीर्वाद प्रेषित किया। संस्कृत एवं हिंदी दोनों भाषाओं के वर्णों के उत्पत्ति स्थान, उच्चारण शैली, वैज्ञानिकता तथा शुद्धता के प्रयोग पर व्याख्याकार द्वारा गंभीरता से विचार प्रस्तुत किया गया। छात्राएं भाषा विज्ञान के गूढ़ पक्षों से अवगत हुईं। मानक वर्तनी के प्रयोग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए व्यवहार में आने वाली कईं शब्दावलियों के शुद्ध उच्चारण करने के लिए छात्राओं का ज्ञान संवर्धन किया गया। प्रो. विद्यालंकार ने कहा कि संस्कृत और हिंदी वर्णमाला केवल ध्वनि-प्रतीक न होकर शरीर की श्वास-प्रक्रिया, उच्चारण-अवयवों तथा प्रकृति की लय से जुड़ी हुई है।
उन्होंने बताया कि वर्णों का सही उच्चारण मनुष्य की वाणी को मधुर, स्पष्ट और प्रभावी बनाता है। इस अवसर पर संस्कृत, हिन्दी और शारीरिक शिक्षा विभाग से डॉ. शालिनी, डॉ. शिवानंद, सुश्री प्रीति, डॉ. निशा शर्मा, डॉ. श्वेता अग्रवाल, डॉ. बिंदु मलिक, शोधार्थी उर्मिला, हिमानी आदि उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
