Haryana

हिसार : मां त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ मणिकूट धाम पर नवरात्रि महायज्ञ अनुष्ठान जारी

श्री हरिओम जी महाराज।

27 सितम्बर को हिसार से सैकड़ों शिष्य व अन्य श्रद्धालु पहुंचेंगे मां त्रिपुर

सुंदरी शक्ति पीठ मणिकूट धाम

हिसार, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मां त्रिपुर सुंदरी धाम मणिकूट पर्वत ऋषिकेश पर

जगत्गुरु त्रिपुरा पीठाधीश्वर चक्रवर्ती यज्ञ सम्राट श्रीश्री 1008 श्री हरिओम जी महाराज

के सानिध्य में ‘नवरात्रि महायज्ञ अनुष्ठान’ जारी है। अनुष्ठान में श्रद्धालु मणिकूट धाम पहुंच कर ग्रह-नक्षत्रों

की अधिष्ठात्री देवी माँ त्रिपुर सुंदरी व पूज्य गुरुदेव भगवान का आशीर्वाद प्राप्त

कर वर्ष भर के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा ग्रहण कर रहे हैं। हिसार से भी सैकड़ों शिष्य व

अन्य श्रद्धालु माँ त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ पर पहुंच कर विशेष पूजा अर्चना में भाग

लेंगे।

शक्तिपीठ मणिकूट धाम के प्रवक्ता ज्योति प्रकाश कौशिक ने बताया कि मणिकूट पर

मां त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ पर माता की मूर्ति की प्रतिष्ठा 2022 के मार्च में

27 तारीख को हुई थी इसलिए नवरात्रि में आने वाली 27 सितम्बर को अनुष्ठान में विशेष

पूजा-अर्चना की जाएगी और अनुष्ठान की पूर्ण-आहुती 1 अक्तूबर को दुर्गा नवमी पर होगी।

शक्ति पीठ के आचार्य शुभम व आचार्य गौरव ने बताया कि सभी पुराण-शास्त्रों के अनुसार

शिव-शक्ति का पावन मणिकूट पर्वत विश्व का सबसे अधिक ऊर्जावान स्थान है।

इसके ऊपर पूज्य

गुरुदेव भगवान की प्रेरणा से द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रतिष्ठित हैं जिनका अभिषेक इसी

पर्वत से आने वाले महादेव जल से होता है। बेलपत्रों का इससे बड़ा बगीचा (500 से अधिक

बिल्व वृक्ष) कहीं नहीं है। 11 यज्ञ कुंड निरंतर प्रज्जवलित होते हैं। यहां स्थित मां

त्रिपुर सुंदरी धाम शिव-शक्ति के एक ही स्थान पर शक्ति पीठ का अनूठा संगम है। इस स्थान

के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के जन्म-जन्मातर के पापों का क्षय होकर उसके पुण्य कर्मों

का उदय होता है।

ज्योति प्रकाश कौशिक ने बताया कि पूज्य गुरुदेव भगवान की प्रेरणा से 17 सितम्बर

को मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय यज्ञ दिवस पर लाखों कुंड प्रज्जवलित करने वाले भक्त गणों

को मणिकूट धाम पर ही 25 सितम्बर से 1 अक्तूबर तक शुद्ध व सिद्ध किए गए रुद्राक्ष भी

नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे। यह रद्राक्ष शरीर पर धारण करने के बाद पूज्य गुरुदेव भगवान

व शिव-शक्ति के आशीर्वाद से कोई व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार नहीं हो सकेगा।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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