
रांची, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । उच्च न्यायालय ने रिम्स से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे में मिलाए जाने पर की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
उच्च न्यायालय ने रिम्स के शपथ पत्र देखने के बाद नाराजगी जतायी और कहा कि इसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है कि बायो मेडिकल वेस्ट को आम कचरा में मिलाने के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई क्या की गयी है।
उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से बताया गया कि संबंधित कर्मचारी और अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। अदालत ने इसे अपर्याप्त मानते हुए रिम्स प्रशासन को विस्तृत शपथ पत्र दाखिल कर स्पष्ट तरीके से यह बताने को कहा है कि किन परिस्थितियों में बायो मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे में मिलाया गया और दोषियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों से भी निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन नियमानुसार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि पर्यावरण और आम लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा न हो। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समावेश भंज देव ने पक्ष रखा।
—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
