– चाइल्ड केयर सेंटर और चिल्ड्रन होम में बच्चों को उचित पोषण न मिलने का मामला
नैनीताल, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चाइल्ड केयर सेंटर और चिल्ड्रन होम में बच्चों को उचित पोषण न मिलने एवं उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य के 13 जिलों के डीएलएसए जिला विधिक विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि वह प्रदेश के सभी सरकारी और निजी केंद्रों का निरीक्षण कर जांच की जाए। कोर्ट ने कहा कि अपने अपने क्षेत्र में स्थित बाल संरक्षण केन्द्र, एनजीओ द्वारा संचालित स्पेशल स्कूल व बाल सुधार गृह तथा पर्यवेक्षण गृह इनकी जांच करेंगे और मानकों के अनुसार कमियां पाई गई तो इसकी रिपोर्ट तैयार कर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को ईमेल के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे। कोर्ट ने इस संबंध में सभी तरह जिलों के एसएसपी व डीएम को जवाब देने काे कहा है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार चाइल्ड केयर सेंटर और चिल्ड्रन होम में बच्चों के साथ बढ़ ही घटनाओं को देखते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था प्रदेश के सभी चाइल्ड केयर और चिल्ड्रन होम में बच्चों के साथ लगातार अमानवीय घटना बढ़ रही है। लगातार बच्चों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं जिसकी उन्होंने जांच की और कई केंद्रों की शिकायतें सही पाई गई। सभी केंद्रो में केंद्र द्वारा जारी नियमों का पालन नहीं किया गया। केंद्रों में बच्चों के रख रखाव के लिए कुशल प्रशिक्षक भी नहीं है जिनसे बच्चों को खतरा है। साथ ही सरकार द्वारा बच्चों के रख-रखाव के लिए दिए जाने वाले बजट और दान में दिए जा रहे पैसे की बंदर बांट की जा रही है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी चाइल्ड केयर और चिल्ड्रन होम केंद्रों की जांच कर रिपोर्ट याचिकाकर्ता के माध्यम से कोर्ट में पेश करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran) / लता
