

–मिशन शक्ति 5.0 के तहत ललित कला संस्थान, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चित्रकला व रंगोली प्रतियोगिता
झांसी, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran) । बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान में मुख्यमंत्री के निर्देशन में मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा शक्ति कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चित्रकला और रंगोली प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से नारी शक्ति के विविध पहलुओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि डॉ. दीप्ति सिंह (यू.पी.आर.वी.यू.ए.एल, सीएमओ पारीछा थर्मल पावर, झांसी) ने सर्वप्रथम नवरात्र पर्व की शुभकामनाएं दीं और विद्यार्थियों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि आज नारी हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि कलाकार समाज का दर्पण होता है और जब महिला और पुरुष समान भाव से आगे बढ़ते हैं, तो उनकी रचनात्मकता समाज को और सशक्त बनाती है। विद्यार्थियों की कलाकृतियों की सराहना करते हुए डॉ. दीप्ति सिंह ने कहा कि उनके चित्र नारी के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित कर रहे हैं और यह संदेश दे रहे हैं कि समाज के विकास में महिला की भागीदारी अनिवार्य है।
सहायक आचार्य डॉ. सुनीता ने महिला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिला परिवार और समाज दोनों का संतुलन साधते हुए पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य करती है। कार्यक्रम संयोजक एवं मिशन शक्ति-5.0 की नोडल अधिकारी डॉ.श्वेता पाण्डेय ने मिशन शक्ति की जानकारी दी और कहा कि मिशन शक्ति 5.0 का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्म निर्भरता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, यदि उन्हें समान अवसर और सहयोग मिले तो वे समाज और राष्ट्र दोनों के लिए नई ऊंचाइयां गढ़ सकती हैं।” इसी कड़ी में कला प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को नारी सशक्तिकरण के महत्व से जोड़ा जाता है।
इस दौरान गोविंद यादव ने मिशन शक्ति फेज 5.0 की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यह अभियान महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है और उन्हें सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास है।
कार्यक्रम में कला शिक्षक गजेंद्र सिंह द्वारा बनाई गई 10×12 फिट की विशाल रंगोली आकर्षण का केंद्र रही। इस रंगोली के माध्यम से उन्होंने महिला के भीतर छुपी शक्ति और उसकी जागृति को कलात्मक रूप में प्रदर्शित किया। रंगों और आकृतियों के जरिए यह दिखाया गया कि किस प्रकार महिला अपने प्रयास, साहस और सामर्थ्य के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
इस अवसर पर डॉ. संतोष कुमार और डॉ. दिलीप कुमार ने भी नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किए।
मंच संचालन गजेंद्र सिंह और आभार प्रदर्शन डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में डॉ. अंकिता शर्मा, डॉ. रानी शर्मा सहित संस्थान के आचार्यगण और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
