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कांगो में इबोला फैलने से रोकने के लिए तत्काल मदद की अपील

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला उपचार केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मामीटर की तस्वीर

जिनेवा, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में इबोला प्रकोप की स्थिति गंभीर होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट महासंघ (आईएफआरसी) ने सोमवार को कहा कि प्रकोप के केंद्र बुलापे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से दबाव में हैं और आवश्यक आपूर्तियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं।

महासंघ ने चेतावनी दी है कि साफ पानी और सुरक्षा उपकरणों की कमी के चलते स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है। इस संकट से निपटने के लिए आईआरएफसी ने 2 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की तत्काल सहायता की अपील की है।

रेड क्रॉस के किन्शासा प्रतिनिधिमंडल प्रमुख एरियल केस्टेन्स ने बयान में कहा, “स्वास्थ्य केंद्रों पर अत्यधिक बोझ है, ज़रूरी आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और पूरा इलाका बिजली के बिना है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अब तक कांगो में 48 पुष्ट और संभावित मामले सामने आए हैं, जिनमें से 31 लोगों की मौत हो चुकी है। बुलापे का मुख्य आइसोलेशन सेंटर लगभग भर चुका है, जबकि एकमात्र ट्रीटमेंट सेंटर पहले ही 119% क्षमता पर काम कर रहा है।

आईआरएफसी ने कहा कि यदि तुरंत संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए तो वायरस तेजी से “कमजोर समुदायों में फैल सकता है।” कांगो रेड क्रॉस के अध्यक्ष ग्रेगॉयर मेटेसो ने कहा, “स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का मतलब है समुदायों की सुरक्षा। डीआरसी को तत्काल सहयोग चाहिए, खासकर दूर-दराज और संसाधन-विहीन क्षेत्रों में।”

डब्ल्यूएचओ ने कासाई प्रांत में स्वास्थ्यकर्मियों और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों के टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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