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अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को मंत्रालयिक कैटेगरी का मानते हुए नियुक्ति के आदेश

हाईकाेर्ट

जयपुर, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों में काम कर रहे कर्मचारियों को मंत्रालयिक कैटेगरी का मानते हुए उन्हें कनिष्ठ लेखाकार भर्ती में इस वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ देते हुए नियुक्ति देने को कहा है। जस्टिस आनंद शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश विमल गुप्ता व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने साल 2022 में कनिष्ठ लेखाकार के पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए 12.5 फीसदी पद आरक्षित रखे गए। याचिकाकर्ता अधीनस्थ अदालतों में मंत्रालयिक कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। उनके इस भर्ती में कट ऑफ से भी अधिक अंक आए हैं, लेकिन उन्हें मंत्रालयिक कर्मचारी कोटे में नहीं मानकर नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है। इसलिए उन्हें इस कोटे का लाभ देते हुए नियुक्ति दी जाए। वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से अधिवक्ता संदीप माहेश्वरी ने कहा कि भर्ती में कैटेगरी तय करना राज्य सरकार का काम है। संबंधित व्यक्ति किसी वर्ग में शामिल होगा, यह राज्य सरकार के स्तर पर तय किया जाता है और इसमें कर्मचारी चयन बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है। वहीं याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता माही यादव ने कहा कि याचिकाकर्ता अधीनस्थ अदालत के कर्मचारी है और मंत्रालयिक कोटे की श्रेणी में नहीं आते हैं। ऐसे में उन्हें इस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने माना की अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारी भी मंत्रालयिक कर्मचारियों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में उन्हें भर्ती में इस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran)

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