
– रक्षा मंत्री ने मोरक्को में प्रवासी समुदाय के साथ की बातचीत, भारत की तरक्की के बारे में बताया
नई दिल्ली, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भारत और मोरक्को ने सोमवार को रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ ही सैन्य चिकित्सा में सहयोग के लिए व्यापक रोडमैप पर सहमति जताई है। मोरक्को की यात्रा पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की राजधानी रबात में नई रक्षा शाखा खोलने का भी ऐलान किया है। उन्होंने मोरक्को में प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत में भारत की तरक्की के बारे में बताया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अफ्रीका में पहले भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र के उद्घाटन में हिस्सा लेने के लिए इस समय मोरक्को की यात्रा पर हैं। उन्होंने सोमवार को मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के साथ रबात में द्विपक्षीय बैठक की, जहां दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी के लिए मजबूत संस्थागत ढांचा खड़ा करने के साथ ही रक्षा उद्योग, संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। दोनों मंत्रियों ने सशस्त्र बलों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुगम बनाने और रक्षा क्षेत्र में सह-विकास एवं सह-उत्पादन के अवसरों की खोज के महत्व पर बल दिया।
दोनों नेताओं ने रक्षा उद्योग में सहयोग को और बढ़ाने का निर्णय लिया और आतंकवाद-निरोध, समुद्री सुरक्षा, साइबर रक्षा, शांति अभियानों, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को शामिल करते हुए व्यापक रोडमैप पर सहमति व्यक्त की। दोनों मंत्रियों के बीच हुई चर्चाओं में भारत और मोरक्को के बीच दीर्घकालिक मित्रता को और मजबूत करने के साझा संकल्प को दर्शाया गया। इन पहलों को गति देने के लिए रक्षा मंत्री ने रबात स्थित भारतीय दूतावास में एक नए रक्षा विंग खोलने की घोषणा की। उन्होंने भारत के रक्षा उद्योग की परिपक्वता और ड्रोन तथा ड्रोन-रोधी तकनीकों सहित इसकी अत्याधुनिक क्षमताओं पर भी प्रकाश डाला।
रक्षा मंत्री ने मोरक्को पक्ष को आश्वस्त किया कि भारतीय कंपनियां मोरक्को के रक्षा बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया और हिंद महासागर तथा अटलांटिक गलियारों के सामरिक महत्व को देखते हुए समुद्री सुरक्षा में घनिष्ठ समन्वय का स्वागत किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा सहयोग के विस्तार पर आगे की चर्चा के लिए अपने समकक्ष को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। भारतीय समुदाय ने सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाई की सराहना की। रक्षा मंत्री ने दोहराया कि सशस्त्र बल पूरी तरह तैयार थे और उन्हें जवाब देने की पूरी आजादी दी गई थी। प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है और जल्द ही शीर्ष तीन में शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने भारत के डिजिटल परिवर्तन और एक दशक पहले 18 यूनिकॉर्न से आज 118 तक स्टार्टअप्स की संख्या में वृद्धि पर प्रकाश डाला।
उन्होंने भारत के रक्षा उद्योग की उल्लेखनीय वृद्धि को रेखांकित किया, जिसने 1.5 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 100 से अधिक देशों को 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रक्षा निर्यात हासिल किया है। राजनाथ सिंह ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी की सराहना की, जो दुनिया भर में भारतीय चरित्र की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के शब्दों को याद करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति में चरित्र ही व्यक्ति की असली पहचान है। प्रवासी भारतीयों ने भारत के बढ़ते वैश्विक कद पर गर्व व्यक्त किया, जो मजबूत आर्थिक नींव और बढ़ती सैन्य शक्ति पर आधारित है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
