
जयपुर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का अद्भुत महत्व है, ऐसे में उसे राष्ट्र माता का दर्जा प्राप्त है। गाय के पंचगव्यों की पूरे विश्व में महता है ऐसे में यदि इसे सम्पूर्ण विश्व की माता कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
डीग स्थित श्रीजड़खोर गोधाम में साेमवार काे शारदीय नवरात्र के उपलक्ष में आयोजित श्रीकृष्ण बलराम गो-आराधन महोत्सव में सम्बोधित करते हुए गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा की सनातन संस्कृति मानव कल्याण की बात करती है, पत्थर, नदी वृक्ष आदि का पूजन करती है और गाय के पूजन का विशेष महत्व है। सनातन के विरुद्ध दुष्प्रचार करने वालो पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की कुछ लोग सनातन को बदनाम करते हैं, बीमारी की संज्ञा देते हैं और मिटाने की साजिश करते हैं। वहीँ उन्होंने पूर्व की कई सरकारों द्वारा गो कल्याण के प्रति उदासीन होने का उलाहना देते हुए वर्तमान सरकार द्वारा गो कल्याण के प्रयासों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा गाय के प्रति आस्था का उल्लेख करते हुए कुमावत ने कहा की हमारी प्रदेश सरकार ने गोशालाओं का अनुदान बढ़ाया और हर पंचायत स्तर पर गोशाला विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा की सनातन संस्कृति के क्षय से घर परिवार में बिखराव बढ़ता है। उन्होंने गाय सनातन के संरक्षण के लिए श्रीजड़खोर गोधाम और स्वामी राजेंद्र दास महाराज की सराहना की।
गौरतलब है की श्रीजड़खोर गोधाम में इस नवरात्र गो आराधन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नित्य श्रीमद्भागवत का पाठ और सहस्त्र चंडी यज्ञ के साथ अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें देश के प्रमुख संत यथा- परम पूज्य मान मंदिर वाले रमेश बाबा बरसाना, जगद्गुरु नाभपीठाधीश्वर सुतीक्षण दास महाराज (सुदामा कुटी वृंदावन वाले), जगद्गुरु राम कबीर द्वाराचार्य रामपरवेश दास महाराज वाराहघाट वृंदावन, परमपूज्य श्री गीतामनीषी ज्ञानेंद्र महाराज, अनंतदास महाराज, परसिया बाबा, जगद्गुरु भावानन्द द्वाराचार्य महाराज, अवधेश दास और अनेक संत महापुरषों ने जगत के कल्याण के लिए महोत्सव में भागीदारी निभाई है।
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(Udaipur Kiran)
