
रांची, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड में बच्चों के पोषण को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा की प्रवक्ता राफिया नाज़ ने राज्य सरकार से आंगनबाड़ी पोषण आहार की राशि बढ़ाने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समय पर भुगतान करने और कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके लिए विशेष पोषण योजनाएं लागू करने की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता राफिया ने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकताएं बच्चों के पोषण की बजाय अपनी छवि चमकाने और सत्ता सुख भोगने पर केंद्रित हैं। राज्य में लगभग 45 प्रतिशत बच्चे अभी भी कुपोषण का शिकार हैं, हर चौथे बच्चे की आँखों में भूख की छाया है। लेकिन राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे का हक़ है कि वह स्वस्थ, ताकतवर और खुशहाल जीवन जिए। इसे नजरअंदाज करना स्वीकार्य नहीं है।
राफिया ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार,झारखंड में 42.9 प्रतिशत बच्चे कम वज़न वाले हैं, 39.6 प्रतिशत बच्चे कद में छोटे हैं और 29.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और कमजोर हैं। यह स्थिति राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक खराब है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब बच्चों की असली भूख को नजरअंदाज किया जा सकता है, तो विज्ञापन और वीआईपी सुविधाओं पर खर्च करना किसलिए जरूरी है? राज्य सरकार के पास विधायकों और मंत्रियों को सुख-सुविधा, बंगले और गाड़ियां देने के लिए पैसा है, लेकिन बच्चों के पोषण की बारी आती है, तो सरकार खामोश हो जाती है। यह सरकार की संवेदनहीनता और दोहरे रवैये का परिचायक है।
राफिया ने कहा कि झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। ये महिलाएं अपने घरों का खाना तक छोड़कर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए रोज़ मेहनत करती हैं, लेकिन जब इन्हें उनकी मेहनत का हक़ देना हो, तो सरकार सुनवाई नहीं करती। ऐसे में बच्चे और गर्भवती महिलाएं सीधे प्रभावित हो रही हैं। यह संवेदनहीनता की हद है।
राफिया ने कहा भारतीय जनता पार्टी राज्य के बच्चों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से आंगनबाड़ी पोषण आहार की राशि में तुरंत बढ़ोतरी करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समय पर भुगतान करने और कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके लिए विशेष पोषण योजनाएं लागू करने की मांग की। ———–
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
