

भीलवाड़ा, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर सोमवार से शहर में गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू हो गया। इस बार आयोजकों ने प्रवेश के लिए विशेष नियम लागू किए हैं। गरबा पांडाल में प्रवेश लेने वाले हर व्यक्ति को तिलक लगवाना होगा और आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। साथ ही महिलाओं और युवतियों को पारंपरिक परिधान पहनकर आने का निर्देश दिया गया है।
भीलवाड़ा शहर में इस बार लगभग 60 स्थानों पर गरबा महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा शहर के 12 से अधिक स्थानों पर 2-3 दिन की डांडिया वर्कशॉप भी आयोजित की गई हैं। आयोजकों ने इस बार दूसरे समुदाय के लोगों की एंट्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने इन नियमों को लागू करने और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। गरबा पांडाल में प्रवेश गेट पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता तैनात रहेंगे। वे आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड जांचेंगे और तिलक लगाकर स्वागत करेंगे। पांडाल में गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव भी किया जाएगा, ताकि आयोजन स्थल की पवित्रता बनी रहे।
गरबा आयोजन समिति की महिला सदस्य और पूर्व पार्षद खुशबू शुक्ला ने बताया कि महिलाओं और युवतियों से अपील की गई है कि वे नवरात्रि के सभी दिन पारंपरिक परिधान पहनें। उन्होंने कहा कि मां देवी की आराधना के इस पर्व में शालीन वस्त्र पहनना आवश्यक है। जींस या शॉर्ट टॉप की बजाय पारंपरिक ड्रेस पहनकर ही पांडाल में आएं। पार्षद प्रतिनिधि देवेन्द्र हाड़ा ने कहा कि हिंदू संगठनों द्वारा यह कदम सराहनीय है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पांडालों के मुख्य द्वार पर बैनर भी लगाया गया है, जिसमें प्रवेश नियमों की जानकारी दी गई है।
बजरंग दल के सह विभाग संयोजक आशीष दाधीच ने बताया कि नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजन पूरी तरह हिंदू आयोजन हैं और इसमें किसी अन्य समुदाय के व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं है। उनका कहना है कि इन पहलुओं का उद्देश्य महोत्सव की पवित्रता बनाए रखना और महिलाओं एवं बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है।
आयोजन समितियों ने सभी भक्तों और नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और गरबा महोत्सव का आनंद भक्ति भाव के साथ लें। इस बार के आयोजन में पारंपरिक परिधान, तिलक, आधार कार्ड और सुरक्षा व्यवस्थाओं के कारण महोत्सव का स्वरूप और भी भव्य और व्यवस्थित दिखाई दे रहा है।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद
