
नागपुर, 22 सितंबर (हिं.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि वर्तमान समय में समाज के प्रत्येक वर्ग को देश के प्रति गर्व और सम्मान का अनुभव हो रहा है। इस भाव को जगाने के लिए संघ निरंतर कार्य कर रहा है। देश की प्रगति और समृद्धि के लिए संघ के माध्यम से विभिन्न संस्थाएँ और संगठन कार्य में लगे हुए हैं। विशेष रूप से समाज के लोग इस कार्य में स्वेच्छा से भाग ले रहे हैं और यही संघ की शताब्दी यात्रा की प्रमुख उपलब्धि है।
नागपुर के रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर के महर्षि व्यास सभागार मे आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स मे आंबेकर ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में हर गतिविधि पहले से तीन गुना बड़ी और भव्य होगी। सामान्यत: दशहरा उत्सव में करीब 7 हजार स्वयंसेवक गणवेश में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार शताब्दी उत्सव में कम से कम 21 हजार स्वयंसेवक पूरे गणवेश में होंगे। इसके लिए संपर्क और संवाद के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं।
नागपुर में निकलेंगे 3 पथसंचलन
बकौल आंबेकर इस वर्ष के दशहरा उत्सव में शहर से 3 पथसंचलन निकाले जाएंगे। इन पथसंचलनों का एकत्रीकरण वैरायटी चौक में होगा और सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत इसका निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि इस उत्सव में घाना, थाईलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
झूठे आरोपों का जवाब गृहसंपर्क सोशल मीडिया के माध्यम से
संघ के बारे में कई बार झूठी बातें फैलायी जाती हैं। इन झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए संघ इस शताब्दी वर्ष में गृहभेंट कार्यक्रम चला रहा है। आंबेकर ने कहा कि घर-घर जा कर संपर्क कर के संघ के बारे में लोगों के मन में जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संघ के विचारों के समर्थकों को भी इस कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। इसके लिए किसी अलग से यंत्रणा की आवश्यकता नहीं है।
शंकर महादेवन द्वारा संघ गीतों का कार्यक्रम आंबेकर ने बताया कि 28 सितंबर को नागपुर में
प्रसिद्ध गायक और संगीतकार पद्मश्री शंकर महादेवन ने संघ के गीतों को नए सुर और लय में बनाया है। संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर स्वयंसेवकों के लिए यह एक विशेष तोहफा होगा। महादेवन द्वारा गाए गए संघ गीतों का कार्यक्रम 28 सितंबर को नागपुर में आयोजित किया जाएगा। महादेवन के गायन ने संघ गीतों को एक नया रूप और रंग दिया है, जो स्वयंसेवकों के लिए अनोखा और प्रेरणादायक होगा।
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(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी
