





गोरखपुर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में आयुर्वेद दिवस सप्ताह समारोह के अंतर्गत सोमवार को आयुर्वेद के प्रति जागरूकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वैद्य आकाश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद, चिकित्सा विज्ञान का सबसे प्राचीन और संपूर्ण रूप है। इसे केवल घरेलू नुस्खों तक सीमित मानना भ्रांति है। आयुर्वेद उचित आहार, व्यायाम और दिनचर्या के माध्यम से युवाओं को रोगों से बचाव और स्वस्थ जीवन की दिशा दिखाता है।
वैद्य त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का भी संदेश देता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. यामिनी त्रिपाठी ने महिलाओं के स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका विषय पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य संवर्धन के लिए श्रीअन्न अत्यंत उपयोगी हैं। ये न केवल पोषण तत्व प्रदान करते हैं बल्कि हार्मोनल संतुलन एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने आयुर्वेद में वर्णित रजस्वला परिचर्या के बारे में बताते हुए कहा कि माहवारी के दौरान हल्का व सुपाच्य आहार, पर्याप्त विश्राम और मानसिक शांति महिलाओं के लिए अनिवार्य है।
राष्ट्रीय सेवा योजना की अष्टावक्र इकाई, आत्रेय इकाई, और भारद्वाज इकाई के सहयोग से हुए कार्यक्रम में स्वागत डॉ. शांति भूषण और आभार ज्ञापन डॉ मिनी ने किया। इस अवसर पर परिसर में द्रव्यगुण विज्ञान विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, डॉ. यास्मीन एस., डॉ. श्रीनाथ आर. के मार्गदर्शन में एक लघु औषधि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में 70 से अधिक औषधीय पौधों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में उप प्राचार्य डॉ. सुमित, आचार्य साध्वी नन्दन पाण्डेय, डॉ. श्रीनाथ, डॉ. जितेन्द्र, डॉ. देवी, डॉ. गोपीकृष्ण आचार्य, डॉ. त्रिविक्रम मणि त्रिपाठी सहित संस्थान के सभी प्राध्यापक, चिकित्सक, बीएएमएस विद्यार्थी एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
