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फिलिस्तीन को मान्यता: ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने दो-राष्ट्र समाधान को बताया स्थायी शांति का रास्ता

कैनबरा/लंदन/ओटावा, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य पूर्व में जारी संघर्ष और गाजा की मानवीय स्थिति के बीच ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने फिलिस्तीन को आधिकारिक मान्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। तीनों देशों ने इसे दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में निर्णायक कदम बताया, जिसके तहत सुरक्षित इजराइल और व्यवहार्य फिलिस्तीन, दोनों के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की परिकल्पना है।

ऑस्ट्रेलिया का रुख

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और विदेश मंत्री पेनी वोंग ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि यह निर्णय ऑस्ट्रेलिया की लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इजराइल के अस्तित्व को मान्यता दी है और लोकतांत्रिक चुनाव कराने सहित वित्त, शासन और शिक्षा प्रणाली में सुधार के आश्वासन दिए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि हमास का फिलिस्तीन में कोई भविष्य नहीं होगा।

ब्रिटेन का संदेश

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर ने कहा कि यह मान्यता हमास को पुरस्कृत करने के लिए नहीं है, बल्कि शांति की संभावना को जीवित रखने का प्रयास है। उन्होंने गाजा में हो रही तबाही को असहनीय बताते हुए इजराइल से कठोर सैन्य कार्रवाई रोकने और मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की। ब्रिटेन ने हमास नेतृत्व पर और कड़े प्रतिबंध लगाने का भी संकेत दिया है।

कनाडा का ऐलान

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य उन ताकतों को मजबूत करना है जो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहती हैं और हिंसा को अस्वीकार करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीन की मान्यता इजराइल के खिलाफ कदम नहीं है, बल्कि समाधान की संभावनाओं को बनाए रखने की कोशिश है।

तीनों देशों का यह कदम संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले आया है, जहा फ्रांस और अन्य देशों से भी इसी दिशा में पहल की उम्मीद जताई जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह सामूहिक प्रयास दो-राष्ट्र समाधान के लिए नया मोड़ साबित हो सकता है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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