RAJASTHAN

महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रतीक है अमृता हाट: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री

महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रतीक है अमृता हाट: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री
महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रतीक है अमृता हाट: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री
महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रतीक है अमृता हाट: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री

जयपुर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की आत्मनिर्भर राजस्थान की परिकल्पना को साकार करते हुए अमृता हाट छोटी महिला उद्यमियों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तीकरण के प्रतीक के रूप में उभर रहा है। यह कहना है महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार का।

राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने रविवार को निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा जवाहर कला केंद्र के दक्षिण परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय अमृता हाट का उद्घाटन किया।

डॉ. बाघमार ने कहा कि इस राज्य स्तरीय अमृता हाट में राजस्थान के सभी जिलों की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित आकर्षक हस्तनिर्मित उत्पादों का विक्रय के लिए प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने मेले में प्रदर्शित स्टॉल्स का अवलोकन किया और महिला स्वयं सहायता समूहों द्वार तैयार उत्पादों की खरीददारी कर उसका और यूपीआई से भुगतान किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेंद्र सोनी, महिला अधिकारिता विभाग की आयुक्त नीतू राजेश्वर सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने बताया कि इस राज्य स्तरीय अमृता हाट में 165 स्टॉल्स लगाई गई हैं, जिन पर हैंडीक्राफ्ट, कशीदाकारी, लाख की चूड़ियां, पेपरमैशी आइटम, टेराकोटा, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, बुनाई एवं जूट वर्क, कांसा एवं पीतल वर्क, मसाले, आचार, पापड़ तथा अन्य हस्तशिल्प उत्पाद उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में आगंतुकों के लिए स्वादिष्ट समोसा, तंदूरी चाय, कॉफी, आइसक्रीम एवं अन्य लजीज व्यंजन भी उपलब्ध हैं। महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक डॉ राजेश डोगीवाल ने बताया कि 30 सितम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले अमृता हाट का मुख्य उद्देश्य महिला उद्यमियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिभा को मंच प्रदान कर उन्हें आर्थिक सशक्तीकरण की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि जयपुरवासी इस हाट का हर वर्ष बेसब्री से इंतजार करते हैं। यहां मिलने वाले उत्पाद ग्रामीण महिलाओं के हुनर और परंपराओं की अनूठी झलक प्रस्तुत करते हैं।

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(Udaipur Kiran)

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