
पूर्णिया, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।
पूर्णिया के ऐतिहासिक रंगभूमि मैदान में रविवार को लोजपा (रामविलास) की नव संकल्प महासभा ने ऐसा जनसैलाब देखा, जो लंबे समय तक राजनीतिक हलकों में याद रखा जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जब मंच संभाला, तो हजारों की भीड़ ‘बिहार का भविष्य चिराग पासवान’ के नारों से गूंज उठी।
भव्य पंडाल, एलईडी स्क्रीन, सजे-धजे मंच और हर दिशा में लहराते पार्टी के झंडे, कटआउट्स व पोस्टरों ने इस आयोजन को किसी पर्व जैसा रूप दे दिया। चिराग पासवान ने अपने ओजस्वी भाषण में सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के नए युग की परिकल्पना पेश की। उन्होंने जात-पात की दीवारों को तोड़ते हुए एक नया एमवाई समीकरण पेश किया — एम का मतलब महिला और वाई का मतलब युवा। उनका कहना था कि जातीय राजनीति से ऊपर उठकर अब बिहार को महिला सशक्तिकरण और युवा नेतृत्व की ओर ले जाने का वक्त आ गया है।
अपने संबोधन में चिराग पासवान ने पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह बताया कि यह महासभा सिर्फ एक सभा नहीं, बल्कि एक संकल्प है – ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के संकल्प का। उन्होंने बेबाक लहजे में कहा कि मुझे डराने, तोड़ने और समाप्त करने की साजिश रची गई, लेकिन मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं – जनता की सेवा मेरा धर्म है।
चिराग ने बिहार में अब तक के धीमे विकास, बेरोजगारी, युवाओं के पलायन और महिलाओं की असुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि आने वाले चुनाव केवल सरकार नहीं, बल्कि बिहार का भविष्य तय करेंगे। उन्होंने भावुक होकर कहा – “मुझे अपनी नहीं, आपकी चिंता है। आपकी तकलीफ ही मेरी प्राथमिकता है।”
जनता की उम्मीदों का केंद्र बन चुके चिराग पासवान ने साफ कहा कि “बिहार को बदलना है तो एकजुट होना पड़ेगा। अब राजनीति सेवा का माध्यम बने, न कि सत्ता की सीढ़ी।” भीड़ का उत्साह इतना जबरदस्त था कि पूर्णिया से लेकर सीमांचल तक सिर्फ एक ही आवाज गूंज रही थी – “चिराग पासवान जिंदाबाद! बिहार का भविष्य चिराग पासवान!” महिला, युवा, किसान, मजदूर – हर वर्ग ने इस महासभा में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और सांसद अरुण भारती ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि नए बिहार की नींव रखने वाला जनआंदोलन है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। ट्रैफिक और पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे यह आयोजन पूरी तरह व्यवस्थित और प्रेरणादायक रहा। इस महासभा ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है।
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(Udaipur Kiran) / नंदकिशोर सिंह
