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मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर टिप्पणी कर विपक्ष दिखा रहा अपनी हताशा : नरेश चौहान

शिमला, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की निजी विदेश यात्रा पर विपक्ष की टिप्पणियों को लेकर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब उस स्थिति में पहुंच चुकी है, जहां उसके पास प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री के विरुद्ध कहने के लिए कोई गंभीर और जनस्वीकार्य मुद्दा नहीं बचा है। यही कारण है कि विपक्ष अब मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत जीवन को निशाना बना रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

नरेश चौहान ने रविवार काे एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने सभी संवैधानिक दायित्वों का पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पालन कर रहे हैं। वह जनसेवा को सर्वोपरि मानते हैं और अपने राजनीतिक जीवन में भी हर जिम्मेदारी को सत्यनिष्ठा से निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यों के साथ-साथ वह एक पिता भी हैं और बेटी के उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए परिवार सहित निजी यात्रा पर विदेश गए हैं। एक पिता के रूप में जिम्मेदारी निभाने के इस कदम पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां करना भाजपा की सोच और नैतिकता के पतन को दर्शाता है।

नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा आज पूरी तरह मुद्दा विहीन हो चुकी है। मुख्यमंत्री की नीतियों को जनता से मिल रहे समर्थन से घबराकर विपक्ष अब निजी हमलों पर उतर आया है। यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि राजनीतिक गरिमा के भी खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अढ़ाई वर्षों के अल्प कार्यकाल में व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में जो मजबूत कदम उठाए हैं, वे हिमाचल को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सफल हो रहे हैं। सरकार की पारदर्शी नीतियां, संसाधन सृजन, रोजगार के अवसर और विकास की योजनाएं आज प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। यह उपलब्धियां अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।

नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा न तो सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है और न ही आम लोगों से उसका कोई संवाद रह गया है। पार्टी अब केवल सोशल मीडिया की ट्रोल आर्मी तक सीमित होकर रह गई है। मुख्यमंत्री के निजी जीवन पर भाड़े के ट्रोलर्स के माध्यम से आपत्तिजनक टिप्पणियां करवाना निंदनीय है और यह एक सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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