Madhya Pradesh

भोपाल और चित्रकूट में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव 23 सितंबर से

अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव का विभाग द्वारा जारी किया गया आमंत्रण पत्र

– भगवान श्रीराम की विश्वव्यापकता के प्रमाण स्वरूप अन्य तीन देशों की लीलाओं का होगा प्रदर्शन

भोपाल, 21 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग एवं भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् नई दिल्ली के सहयोग से 23 से 29 सितम्बर तक प्रतिदिन 07.00 बजे से अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव का आयोजन भोपाल के रविन्द्र भवन में मुक्ताकाश मंच पर एवं श्रीराघव प्रयाग घाट-चित्रकूट में 24 से 30 सितंबर प्रतिदिन सायं 07.00 बजे से किया जा रहा है।

संस्कृति संचालक एन.पी.नामदेव ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस उत्सव में रामकथा के विविध प्रसंगों की प्रस्तुतियाँ होंगी साथ ही श्रीरामलीला में प्रयुक्त मुकुट- मुखौटे और परिधान पर केंद्रित प्रदर्शनी का संयोजन भी किया जा रहा है। संस्कृति और मूल्य निर्मिति के इस मूलाधारी आख्यान के अवलोकन के लिए आप सभी सादर आमंत्रित हैं।

उन्होंने बताया कि जहाँ तक विभाग की जानकारी में है, अब तक इस तरह का एक आदर्श पाठ तैयार कराकर उसको संगीतबद्ध करना और फिर उसको स्वयं के स्तर पर मंचित कराने का यह देश में पहला प्रयास है। विभाग ने लीला गुरुकुल संस्थान, चित्रकूट में स्थापित किया है और इस संस्थान का उद्देश्य रामलीला और रासलीला प्रस्तुति में उत्कृष्ट मानकों को स्थापित करना है। हमारी लीलाओं के जो जीवन मूल्य हैं वो इनके प्रदर्शन में भी दिखाई दें। इसको संभव करना ही इस प्रस्तुति का ध्येय है। लीला प्रस्तुति की सुरुचिपूर्णता और प्रस्तुति के जो उपकरण होते हैं वह बहुत व्यवस्थित और उत्कृष्ट स्तर के हों। इस दिशा में लीला गुरुकुल संस्थान ने यह पहल की है और इस पहल के तहत रामलीला मंचन का एक आदर्श पाठ लिखवाया गया। उसका परीक्षण विद्वानों से कराया। फिर उस पर आधारित लीला तैयार करने का कार्य आरंभ किया गया।

नामदेव ने बताया कि लीला मंचन के लिए एक विशेष सांगीतिक रचना तैयार कराई गई। गीत और संवादों को उत्कृष्ट गायकों-कलाकारों से रिकॉर्ड कराए गया। इसी तरह से लीला प्रस्तुति के प्रॉप्स डिजाइन कराकर निर्मित कराया गया। निर्माण की दिशा में भी बहुत तरह के कलाकारों को जोड़ा। वस्त्र-आभूषण और अलंकारों की रचना करने वाले लोगों को जोड़कर एक ऐसा समेकित लीला रूप तैयार किया गया है, जिसे एक आदर्श रामलीला की तरह प्रस्तुत करने की विभाग की मंशा है।

इस लीला में गायन का काम विख्यात भक्ति गायक अनूप जलोटा ने किया है। वह लीला के आखिरी दो दिनों में अपने द्वारा गाए गए गीतों को लीला प्रस्तुति में भी अभिनय सहित अपनी प्रस्तुति भी देंगे। लीला पाठ के बारे में कुछ विशेष बातें आपकों बता दें कि लीला प्रस्तुति के वह पक्ष जो प्रायः सही अर्थों सहित नहीं कहे जाते थे। उनमें शास्त्रगत संदर्भों से परिष्कार करते हुए ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर इस लीला में दर्शकों के लिए प्राप्त होंगे, उदाहरण के लिए शूपर्णखा प्रसंग और सुग्रीव-बालि युद्ध की कथाएं।

संस्कृति विभाग यह चाहता है कि इसकी एक प्रस्तुति या कुछ संख्या में प्रस्तुति भर से रामकथा की इस अप्रतिम प्रस्तुति परिपूर्ण नहीं होगी। जब तक इसकी व्यापकता अथवा इसको आधार बनाकर हिंदी क्षेत्र में होने वाली रामलीलाओं में सुरुचि पैदा करने की इच्छा जागृत न हो। यह सभी श्रीरामलीला प्रस्तुति से जुड़ी मंडलियों के लिए एक आदर्श मॉडल का उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी। भविष्य में इसकी रिकॉर्डिंग विभाग उन सभी उत्सुक लीला मंडलों, रंग संस्थाओं के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराएगा, जिससे वे इसका प्रदर्शन अपने-अपने स्तर पर अपनी सुविधा से कर सकें।

23 सितम्बरः- सती संशय, दक्ष यज्ञ, सती पुनर्जन्म, शंकर-पार्वती विवाह, नारद मोह।

24 सितम्बरः- विदेशी लीला- इण्डोनेशिया- श्रीराम जन्म, ताड़का वध, अहल्या उद्धार, पुष्प वाटिका, सीता स्वयंवर लक्ष्मण-परशुराम संवाद, श्रीराम विवाह।

25 सितम्बरः विदेशी लीला-वियतनाम- श्रीराम वनगमन, केवट संवाद, श्री दशरथ देवलोक गमन भरत का आगमन, भरत-कैकेयी संवाद।

26 सितम्बरः श्रीराम-भरत मिलाप, खरदूषण वध, सीता हरण, कबंध उद्धार।

27 सितम्बरः विदेशी लीला- मलेशिया – शबरी प्रसंग, श्रीराम-सुग्रीव मैत्री, बालि वध, श्रीहनुमान का लंका गमन।

28 सितम्बरः मैनाक-सुरसा-सिंहिका-लकिनी प्रसंग लंका दहन, विभीषण शरणागत, सेतु निर्माण, लक्ष्मण शक्तिः

29 सितम्बरः कुम्भकर्ण-मेघनाद-अहिरावण-रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक।

(Udaipur Kiran) तोमर

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