
गुवाहाटी, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) आगामी 25 सितंबर को एक और नई साप्ताहिक अमृत भारत एक्सप्रेस शुरू करेगा, जो यात्रियों के लिए किफायती और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी। ट्रेन प्रत्येक गुरुवार को इरोड से 8:10 बजे प्रस्थान करेगी और जोगबनी 19:00 बजे पहुंचेगी। वहीं, प्रत्येक रविवार को जोगबनी से 15:15 बजे प्रस्थान करेगी और बुधवार को इरोड 7:20 बजे पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर इस साप्ताहिक अमृत भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री ने आम आदमी के लिए किफायती यात्रा खर्च पर आधुनिक सुविधाओं पर ज़ोर देते हुए ऐसे ट्रेनों की घोषणा की थी। अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रियों को किफायती और आधुनिक यात्रा अनुभव के साथ ही क्षेत्रीय संपर्क को और अधिक बढ़ाने में मदद मिलेगी।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने रविवार को बताया कि भारतीय रेल नेटवर्क के विभिन्न मार्गों पर कुल 11 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की गई हैं। इसी कड़ी में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के इरोड और जोगबनी के बीच एक नई साप्ताहिक अमृत भारत एक्सप्रेस 25 सितंबर से शुरू होगी। ट्रेन संख्या 16601 (इरोड- जोगबनी) अमृत भारत एक्सप्रेस 25 सितंबर से प्रत्येक गुरुवार को इरोड से 8:10 बजे प्रस्थान करेगी और शनिवार को जोगबनी 19:00 बजे पहुंचेगी। वापसी में, ट्रेन संख्या 16602 (जोगबनी- इरोड) 28 सितंबर से प्रत्येक रविवार को जोगबनी से 15:15 बजे प्रस्थान करेगी और बुधवार को इरोड 7:20 बजे पहुंचेगी।
130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति क्षमता के साथ साप्ताहिक अमृत भारत एक्सप्रेस लगभग 1,000 किलोमीटर की यात्रा करीब 450 रुपये में पूरी करेगी और यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती विकल्प प्रदान करेगी।
यह ट्रेन उन्नत संरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें कवच टक्कर-रोधी तकनीक, आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम और बेहतर सस्पेंशन शामिल हैं ताकि यात्रा को सुगम बनाया जा सके। कोचों में आधुनिक स्वचालित दरवाजे, उन्नत बायो-वैक्यूम शौचालय, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, सीसीटीवी निगरानी और स्वचालित स्मोक/फायर डिटेक्शन सिस्टम लगी हैं।
बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए, एलईडी लाइटिंग, बेहतर बैठने की व्यवस्था, मॉड्यूलर शौचालय और जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली को शामिल किया गया है। ट्रेनों में पुश-पुल तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसके दोनों तरफ इंजन लगे हैं। इससे इंजन बदलने की प्रक्रिया के दौरान लंबे समय तक ठहराव नहीं होने से यात्रा का समय काफी कम हो जाता है। उन्नत इन्सुलेशन और ऊर्जा-कुशल उपकरण भी कम शोर स्तर तथा कोचों के अंदर अधिक आरामदायक वातावरण सुनिश्चित करते हैं।———————
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
