
एच-1बी वीज़ा की आवेदन फ़ीस 88 लाख रुपये होने से पेशेवर भारतीय युवाओं के भविष्य पर होगा विपरीत असर
अमेरिकी सरकार एक के बाद एक करके भारत के आर्थिक हितों पर चोट पहुंचा रही लेकिन केंद्र सरकार खामोश
रोहतक, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार देश में युवाओं को रोजगार दे नहीं रही, पढ़-लिखकर युवाओं ने विदेशों में रोजगार हासिल करने का सपना देखा तो वो अब बीजेपी सरकार की गलत नीतियों के चलते चूर-चूर हो गया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा की आवेदन फ़ीस 1000 डॉलर से बढ़ाकर 100000 डॉलर (भारतीय रुपये में 88 लाख) किये जाने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान न केवल भारतीय युवाओं को होगा बल्कि इसका विपरीत असर भारत के आर्थिक हितों पर भी पड़ेगा।
भारतीय युवाओं को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेजने वाले ट्रम्प की एक और करारी चोट से भारतीयों के लिए वहां काम करने के अवसर न के बराबर हो जाएंगे। रविवार को सांसद ने कई कार्यक्रमों में शिरकत की और पत्रकारों से बातचीत करते उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की गलत नीतियों से देश ही नहीं विदेशों में भी नौकरियां जाएंगी। दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार की चुप्पी को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि सरकार तुरंत अपनी स्थिति स्पष्ट करे और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर भारतीय कर्मचारियों और कंपनियों के हितों की रक्षा करे और अमेरिकी प्रशासन पर दबाव बनाए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार एक के बाद एक करके भारत के आर्थिक हितों पर चोट पहुंचा रही है।
ट्रम्प के कार्यकलापों से ऐसा लगता है कि वो भर्तियों ने नाराज नहीं नफरत करता है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को अपना गहरा दोस्त बताने वाले प्रधानमंत्री बिल्कुल चुप हैं। इससे पहले 50 फ़ीसदी के भारी अमेरिकी टैरिफ की मार से हरियाणा के उद्योगों पर प्रहार हुआ। हरियाणा में अमेरिकी टैरिफ हमले से हजारों करोड़ के एक्सपोर्ट आधारित उद्योगों पर तालाबंदी और इनसे जुड़े लाखों कामगारों के रोज़गार पर संकट खड़ा हो गया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार की विफल विदेश व्यापार नीति और कूटनीतिक असफलता के कारण हरियाणा जैसे औद्योगिक राज्य को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार की विफल विदेश नीति और उनके कार्यान्वयन में गंभीर खामियां साफ तौर पर देखने को मिल रही हैं।
केंद्र सरकार की उपेक्षापूर्ण चुप्पी और अभावपूर्ण कदमों ने युवाओं का भविष्य संकट में डाल दिया है। अकेले हरियाणा में लाखों युवा बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। सरकारी आंकड़े और विभिन्न संस्थाओं की रिपोर्ट्स इस तथ्य को उजागर करती हैं कि हरियाणा देश में उच्चतम बेरोजगारी दर का सामना कर रहा है। सरकारी विभागों में रिक्त पदों की भर्ती न होने से, लगातार हो रहे भर्ती घोटालों से लाखों युवा निराश व हताश हो रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / अनिल
