
बीकानेर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निदेशक (प्रशासन ) वांपद शर्मा ने कहा कि आज अश्व अनुसंधान केंद्र में विज्ञान, पर्यावरण, पर्यटन, साहित्य एवं राजभाषा का बहुत ही सुखद मिश्रण देखने को मिला। उन्होंने कहा कि इतने कम वैज्ञानिकों के बावजूद इस केंद्र की शोध में उपलब्धियां अंतरराष्ट्रीय है। वे रविवार काे हिंदी सप्ताह का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में बाेल रहे थे। उन्हाेंने कहा कि केंद्र में प्रवेश करते ही रेगिस्तान को भुला देने वाली हरियाली दिल को बहुत सुकून देती है। उन्होंने अश्वराज के प्रकाशन के लिए हार्दिक बधाई भी दी एवं हिन्दी राजभाषा को ऐसे ही आगे बढ़ाने के प्रयास पर बल दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने की। कार्यशाला के दौरान विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारे काजरी के प्रभागाध्यक्ष डॉ नव रतन पवार ने कहा कि हिन्दी राजभाषा के कार्यक्रम दिल से करने चाहिए एवं समय समय पर आपस में ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से एक दूसरे संस्थान के बारे में जानने को भी मिलता है । उन्होंने काजरी द्वारा हाल ही में प्रारंभ किए गए शोध कार्यक्रमों की जानकारी भी सदन को दी।
परिसर की राजभाषा अधिकारी डॉ रत्नप्रभा ने संचालन करते हुए हिंदी सप्ताह के दौरान आयोजित किए गए कार्यक्रमों की जानकारी दी एवं अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों, इंटर्नशिप के विद्यार्थियों के साथ-साथ डॉ लेघा, डॉ रमेश, डॉ राव, डॉ कुट्टी, डॉ जितेन्द्र सिंह एवं केंद्र के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
