
नई दिल्ली, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली सरकार ने 24×7 और 365‑दिन का स्ट्रेटेजिक पर्यावरण एक्शन प्लान लागू किया है, ताकि टेक्नोलॉजी‑आधारित उपायों और सख्त वैज्ञानिक परीक्षणों के जरिए शहर की हवा की सुरक्षा ढाल को मजबूत किया जा सके।
हालिया आदेश में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पर्यावरण विभाग को “स्मॉग‑ईटिंग” फोटोकैटलिटिक कोटिंग्स पर केंद्रित फिजिबिलिटी स्टडी करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें सड़कों, कंक्रीट और टाइल्स पर लगाया जा सकता है, ताकि जहां लोग रहते, चलते‑फिरते और काम करते हैं, वहां नाइट्रोजन और हानिकारक हाइड्रोकार्बन में कमी लाई जा सके।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “दिल्ली सबसे बेहतर, प्रमाणित फोटोकैटलिटिक तकनीकों का मूल्यांकन करेगी, ताकि लोगों को जल्दी से जल्दी साफ हवा मिल सके।,” उन्होंने कहा,“प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई हर बच्चे, हर बुजुर्ग, हर कामगार के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है इसीलिए हम सरल, सुरक्षित, विज्ञान‑आधारित समाधान जमीन पर उतार रहे हैं, नतीजों का आंकलन खुले रहे हैं और जहां दिल्ली के लोग अपनी सांस में फर्क महसूस करें, वहां तेजी से स्केल‑अप कर रहे हैं।”
मंत्री सिरसा ने बताया कि पर्यावरण विभाग यह काम चरणबद्ध और जवाबदेह तरीके से करेगा—30 दिनों में वैज्ञानिक पार्टनर का चयन, शहर की वास्तविक सड़कों पर फील्ड ट्रायल, हर महीने प्रगति रिपोर्ट और छह महीने में अंतिम रिपोर्ट। अध्ययन सुरक्षा, स्थिरता और लागत‑प्रभावशीलता पर केंद्रित होगा, साथ ही विश्वसनीय तकनीकों की मैपिंग भी होगी ताकि नतीजे अच्छे आने पर तेजी से स्केल किया जा सके।
मंत्री ने कहा,“अगर अध्ययन साबित करता है कि यह ‘स्मॉग-ईटिंग’ सतहें असरदार और किफायती हैं, तो विभाग तुरंत कैबिनेट में प्रस्ताव रखेगा ताकि व्यस्त मार्गों, बाजारों और सार्वजनिक जगहों पर बड़े पैमाने पर इन्हें लगाया जा सके और लोगों को साफ हवा मिले।,
सरकार ने पर्यावरण विभाग को इस ठोस कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी दी है ताकि काम समय पर और सुचारू रूप से पूरा हो सके, और हर फैसले के केंद्र में नागरिकों का हित रहे।
मंत्री सिरसा ने यह भी बताया कि “इनोवेटर्स चैलेंज” लोगों की भागीदारी से नए समाधान खोजने का बड़ा मंच बन गया है। उन्होंने कहा—“पहले दिन से यह सरकार नवाचार को बढ़ावा दे रही है। ऐसे समाधान चाहिए जो विज्ञान पर आधारित हों, सड़कों पर परखे जाएं और फिर पूरे शहर में लागू किए जाएं।” उन्होंने छात्रों, स्टार्टअप्स और विशेषज्ञों की बड़ी भागीदारी का ज़िक्र करते हुए कहा—“अपने बेहतरीन विचार लाइए—दिल्ली उनका परीक्षण करेगी, जो काम करेगा उसे फंड देगी और पूरे शहर में लागू करेगी ताकि हर परिवार आसानी से सांस ले सके।”
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
