
—क्लैरिवेट उत्कृष्टता सम्मान में कृषि विज्ञान संस्थान की दोहरी उपलब्धता, संस्थान व व्यक्तिगत श्रेणियों में मिला पुरस्कार
वाराणसी,21 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कृषि विज्ञान संस्थान को क्लैरिवेट इंडिया रिसर्च एक्सीलेंस साइटेशन अवॉर्ड 2025 मिला है। यह पुरस्कार संस्थान के अनुसंधान में अग्रणी योगदान के लिए दिया गया है।
वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. नवल किशोर दुबे को व्यक्तिगत श्रेणी में कृषि विज्ञान में रिसर्च एक्सीलेंस अवॉर्ड प्रदान किया गया है। कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. यू. पी. सिंह और प्रो. एन. के. दुबे ने 19 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त किया। संस्थान को यह अवार्ड मिलने पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने बधाई दी है। कृषि क्षेत्र में बीएचयू के योगदान की सराहना करते हुए कुलपति प्रो.चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने वर्षों से कृषि विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारा कृषि विज्ञान संस्थान शिक्षण, और अनुसंधान गतिविधियों पर परिवर्तनकारी काम करता रहा है, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं ओडिशा के कृषक समुदाय लाभन्वित हुए हैं। हमने गेहूं, धान, जौ और मसूर सहित कई उच्च उपज देने वाली फसल किस्मों को विकसित किया है, साथ ही तीन लोकप्रिय ग्लैडियोलस की किस्में भी विकसित की गई हैं।
कुलपति ने कहा कि हमारी विकसित उल्लेखनीय धान की किस्मों में एचयूआर 917 और मालवीय मनीला सिंचित धान-1, जबकि गेहूं और मूंग की किस्मों में एचयूडब्ल्यू 234 और मालवीय जनकल्याणी विशेष रूप से सराही जाती हैं। विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि यह पुरस्कार क्लैरिवेट के इंस्टीट्यूट फॉर साइंटिफिक इंफॉर्मेशन के विशेषज्ञ पैनल द्वारा चयनित किया गया, जिसमें 2019 से 2024 की अवधि के दौरान वेब ऑफ साइंस कोर कलेक्शन और इनसाइट्स बेंचमार्किंग एण्ड एनालिटिक्स के आंकड़ों के आधार पर प्रकाशित शोधपत्रों की साइटेशन संख्या जैसे मात्रात्मक बिब्लियोमेट्रिक विश्लेषण और गुणात्मक समीक्षा को शामिल किया गया। यह सम्मान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रभावशाली प्रकाशनों को पहचान देता है तथा संस्थान को भारत में कृषि नवाचार और उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख संस्थानों में स्थान प्रदान करता है। वर्षों की निष्ठा, नवोन्मेषी खोजों और कृषि विज्ञान को आगे ले जाने के प्रति प्रतिबद्धता के साथ बीएचयू के अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने अनुसंधान गुणवत्ता और वैश्विक प्रभाव का एक मानदंड स्थापित किया है। उनका कार्य न केवल अकादमिक विमर्श को समृद्ध करता है, बल्कि समुदायों को सशक्त बनाता है और सतत विकास के भविष्य को आकार देता है। यह उपलब्धि भविष्य में भी अनुसंधानकर्ताओं को प्रेरित करती रहेगी कि वे कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए अपना योगदान देते रहें।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
