
अयोध्या, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सुप्रसिद्ध पीठ श्रीराम आश्रम रामकाेट, अयोध्याधाम के पूर्वाचार्य महंत प्रभु दास शास्त्री महाराज को नमन किया गया। अवसर अश्विन कृष्णपक्ष चतुर्दशी उनकी 5वीं पुण्यतिथि महाेत्सव का रहा। जाे मंदिर में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। संताें ने उन्हें निष्ठा से याद किया।
पुण्यतिथि महाेत्सव पर शनिवार को आश्रम में श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई, जिसमें संताें ने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर श्रीराम आश्रम के वर्तमान पीठाधिपति एवं आरएसएस रामलला नगर संघ चालक श्रीमहंत जयराम दास वेदांती ने कहा कि मठ में गुरुदेव महंत प्रभु दास शास्त्री महाराज की पांचवीं पुण्यतिथि मनाई गई। पुण्यतिथि पर विशिष्ट संत-महंत, धर्माचार्य सम्मिलित हुए। जिन्होंने गुरुदेव काे श्रद्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। महाराज श्री गाै एवं संत सेवी रहे। जिनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। उनके अंदर संतत्व के सारे गुण रहे। वह भजनानंदी संत थे, जाे भगवान सीताराम के अनन्य उपासक रहे। उनकी श्रीसीताराम के प्रति अटूट भक्ति थी। आश्रम में आए व्यक्ति काे वह कभी भूखा नही जाने देते थे। उन्होंने सेवा काे ही अपना धर्म माना और उसी काे अंगीकार किया। उनका मानना था कि सेवा ही परम धर्म है। उससे बढ़कर और काेई दूसरा धर्म नही है। सेवा ही परमाेधर्मा के मार्ग पर वह आजीवन चलते रहे। उन्होंने अपने शिष्य-अनुयायियाें काे भी सेवा धर्म का पाठ पढ़ाया। साथ ही साथ सेवा धर्म के लिए प्रेरित भी किया। गुरुदेव ने आश्रम का सर्वांगीण विकास किया। वर्तमान में मठ अपने उत्तराेत्तर समृद्धि की ओर अग्रसर है। जहां गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचार रूप से चल रही है। सभी उत्सव, समैया, त्याेहार आदि परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। मठ की गणना अयोध्याधाम के प्रमुखत पीठाें में हाेती है। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान श्री मैथिली रमण राम का सुबह पूजन-अर्चन, भाेग, आरती किया गया। उसके बाद संत-महंताें ने प्रसाद ग्रहण किया।
अंत में महंत जयराम दास महाराज ने संताें का स्वागत-सम्मान कर भेंट, विदाई दिया। महाराज श्री काे श्रद्धासुमन अर्पित करने वालाें में आरएसएस के प्रांत प्रचारक काैशलजी, महंत रामानुज शरण ब्रह्माचारी, महंत राममिलन शरण, महंत गाेविंद दास, महंत गणेशानंद दास, महंत श्यामसुंदर दास, महंत सनत कुमार दास, महंत वीरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत रामनारायण दास, रवि नागा, स्वामी गयाशरण आदि संत-महंत व मंदिर से जुड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर रहे।
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय
