Uttar Pradesh

सनातन परम्परा में ऊंच नीच की कोई व्यवस्था नहीं : आचार्य शांतनु

सनातन  सम्मान
आचार्य सांतनु महाराज  संबोधित करते हुए

सुलतानपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर मे आयोजित सामाजिक समरसता में गोरक्षपीठ की भूमिका विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि प्रख्यात कथावाचक आचार्य शांतनु ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि

सनातन परम्परा में ऊंच नीच की कोई व्यवस्था नहीं। वाल्मीकि रामायण कहता है कि राजा दशरथ के समय अयोध्या में सभी जातियों के लोग वेदपाठ करते थे। भ्रम अज्ञान और साजिश के तहत सनातन परम्पराओं को दूषित करने का जो काम किया गया है उसे हमें सही करना पड़ेगा।

नगर के अमहट स्थित एक होटल में शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की आभासी व्यवस्था को कालांतर में यथार्थ समझ लिया गया जिसके कारण समाज में कुरीतियां फैलनी शुरू हुईं। महंत अवेद्यनाथ ने काशी के डोमराजा के यहां भोजन करने के साथ ही कई काम करके तमाम तरह के भ्रम दूर किये थे।

विशिष्ट अतिथि बावन मंदिर अयोध्या के महंत वैदेही वल्लभ शरण ने कहा कि वनवासियों गिरिवासियों को अपने साथ लेकर,शबरी के जूठे बैर खाकर और निषादराज को गले लगा कर समरसता का जो काम भगवान राम ने किया था उसी परम्परा को गोरक्षपीठ आगे बढ़ा रही है। जाति पांति की करो विदाई हिन्दू हिन्दू भाई भाई के नारे को इस पीठ ने बुलंद किया है।

विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर ने कहा कि गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ ने सामाजिक समरसता मजबूत करने के लिए देशभर में अनेक कार्यक्रम संचालित किए थे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रांत के सम्पर्क प्रमुख गंगा सिंह ने कहा कि धर्म संस्कृति और समाज की रक्षा में गोरक्षपीठ का योगदान महत्वपूर्ण है।सामाजिक भेदों और जातिगत भिन्नताओं को दूर करने की परम्परा को गोरक्षपीठ आगे बढ़ा रही है।

अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र ग्राम विकास प्रमुख वीरेंद्र ने कहा कि समरसता का निर्माण दिखावे से नहीं होगा। सामाजिक समरसता हमारे आचरण में उतरनी चाहिए तभी सनातन परम्परा सशक्त होगी।

इससे पूर्व संस्था और कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कार्यक्रम संयोजक ब्लासम इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने आगंतुकों का स्वागत किया। संचालन श्यामचंद्र श्रीवास्तव ने किया।अंत में मंचस्थ अतिथियों ने साहित्यकार हनुमान प्रसाद सिंह की काव्यकृति भीष्म प्रतिज्ञा का लोकार्पण किया ।

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, विभाग संघचालक डॉ ए के सिंह , नगरपालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल,आलोक आर्य, राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि समेत अनेक प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।

इन्हें मिला समरसता सम्मान –

सामाजिक कार्यों में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले संत देवेन्द्र कविराज,करतार केशव यादव, सरदार बलदेव सिंह, रुद्र प्रताप सिंह मदन, डॉ आशुतोष श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय,ओम प्रकाश गौड़, राजेश सिंह,शुभम गौतम,तिलठू निषाद, मुनिया देवी, राजाराम , कंचन प्रजापति,सिंटू अग्रहरि, मुकेश कुमार, संतोष राणा, संतोष निषाद, रामकृष्ण साहू , प्रदीप गुप्ता, रामहित धोबी , बाबूलाल धुरिया , अभिषेक सिंह आदि को अतिथियों ने अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह भेंटकर समरसता सम्मान से सम्मानित किया।

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(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्त

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