


– प्लास्टिक के बदले मिलेगा नाश्ता, 2 किलो पर भरपेट खाना
अंबिकापुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट की ग्राम पंचायत रोपाखार में शनिवार को देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े शुरू किया गया। यह कैफ़े स्थानीय स्तर पर प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन सरगुजा, एलआईसी एचएफएल ग्रीन टुमॉरो परियोजना तथा फिनिश सोसायटी की अनूठी पहल है।
ग्रामीण गार्बेज कैफ़े का शुभारंभ मैनपाट जनपद पंचायत अध्यक्ष संतोषी पैकरा, उपाध्यक्ष अनिल सिंह, सरपंच, उपसरपंच एवं जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने सामूहिक रूप से किया। कैफ़े का संचालन कार्ब हट किचन, रोपाखार में किया जाएगा। जहां एक किलो प्लास्टिक (सफेद प्लास्टिक, पानी की बोतल, एल्युमिनियम केन, कांच की बोतल) देने पर नाश्ता मिलेगा और 2 किलो प्लास्टिक देने पर भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष संतोषी पैकरा ने कहा कि “मैनपाट सरगुजा की पहचान है और इसे स्वच्छ व सुघ्घर रखना हम सबका दायित्व है। जिला प्रशासन ने प्लास्टिक कचरे से मुक्ति दिलाने की अभिनव पहल की है, जिसके लिए हम मैनपाट की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हैं।”
ग्राम पंचायत रोपाखार के उप सरपंच रजनीश पांडेय ने कहा कि मैनपाट में विविध समुदाय के लोग रहते हैं और यहां लगातार पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में स्वच्छ और सुंदर मैनपाट हमारी जिम्मेदारी है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को स्वच्छ वातावरण मिले और हमारे गांव का नाम रोशन हो।
जिला पंचायत के सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने बताया कि 17 सितम्बर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक पूरे देश में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में मैनपाट जैसे हिल स्टेशन पर प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण और जागरूकता के लिए ग्रामीण गार्बेज कैफ़े का नवाचार किया गया। इसका उद्देश्य लोगों को ‘कचरा लाओ और खाना पाओ’ जैसी सरल व्यवस्था से स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है।” उन्होंने बताया कि कैफ़े से संग्रहित प्लास्टिक अपशिष्ट का निपटान जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट में किया जाएगा। यहां स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस प्लास्टिक से दाना, रस्सी और कुर्सी जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार करेंगी।
सीईओ अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने जिला में विशेष पहल किए गए है जिसमें जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग इकाई केंद्र/एमआरएफ का संचालन, सभी ग्रामों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण, पृथक्करण, विक्रय व यूज़र चार्ज वसूली पर सतत कार्य। दिसम्बर 2025 तक जिले के सभी ग्रामों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन युक्त बनाने की दिशा में नियमित कार्य शामिल हैं । जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता बैरियर की स्थापना कर स्वच्छाग्रही एवं ग्राम पंचायतों के सहयोग से ठोस कार्यवाही किए जा रहे हैं।
स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत रोपाखार के साप्ताहिक बाजार परिसर में आज श्रमदान कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, स्वच्छताग्राही, ग्रामीणजन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर बाजार क्षेत्र की सफाई की तथा आसपास फैले प्लास्टिक अपशिष्टों का संग्रहण किया। कार्यक्रम के दौरान दुकानदारों से अपील की गई कि वे नियमित रूप से यूज़र चार्ज का भुगतान करें। जिससे स्वच्छताग्राही दीदियों की आजीविका भी मजबूत होगी, जो गांव-गांव में सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य कर रही हैं।
इस दौरान जनपद पंचायत उपाध्यक्ष अनिल सिंह, तिब्बती कॉलोनी सेटलमेंट अधिकारी यंगत्सो, सरपंच रोपाखर सुखु मांझी, कमलेश्वरपुर सरपंच घुरनी सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
