
कोलकाता, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि देश में हर भाषा और संस्कृति का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कुछ राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित उत्पीड़न की खबरों पर चिंता जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
श्रीभूमि दुर्गा पूजा (लेक टाउन) का उद्घाटन करते हुए ममता ने कहा, “बंगाल में सभी समुदाय मिलकर दुर्गा पूजा मनाते हैं। कोई मां को ‘मां’ कहे या ‘अम्मी’, भावना और सम्मान एक ही रहता है। रामकृष्ण परमहंस भी कहते थे कि एक ही लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते हो सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब 22 लाख बंगाल निवासी राज्य से बाहर काम करते हैं, जबकि 1.5 करोड़ प्रवासी बंगाल में रहते और काम करते हैं। उन्होंने कहा, “हम सबको एकजुट रहना होगा। विभाजन फैलाने की साजिशें देश को तोड़ सकती हैं। बंगाल भारत का हिस्सा है, इसलिए इसकी भाषा, संस्कृति, गीत और रचनात्मकता का सम्मान होना चाहिए।”
मौसम की अनिश्चितता पर ममता ने कहा कि झारखंड और बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश होने पर बंगाल प्रभावित होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार दुर्गा पूजा बिना बारिश के सम्पन्न हो और लोग उत्सव का आनंद ले सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस बार वह तीन हजार से अधिक पूजा पंडालों का उद्घाटन करेंगी, जिनमें ज्यादातर वर्चुअल माध्यम से होगा। महालया के दिन देवी पक्ष की शुरुआत पर उनके लिखे 17 गीत भी जारी होंगे।
राज्य सरकार कोलकाता में ‘दुर्गांगन’ (दुर्गा मंदिर) भी बनाएगी, जो दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर के बाद दूसरी बड़ी धार्मिक परियोजना होगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री ने हाथीबागान और टाला प्रत्यय दुर्गा पूजा पंडाल का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिमाओं का अनावरण महालया से पहले नहीं किया जाएगा। ममता ने कहा, “मैं केवल पंडाल का उद्घाटन कर रही हूं। देवी की प्रतिमा का अनावरण देवी पक्ष शुरू होने के बाद ही होगा।”————————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
