कीव, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने सहयोगी देशाें पर समय बर्बाद करनेे का आराेप लगाते हुए घाेषणा की है कि वह अगले हफ़्ते न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ भेंट में उनसे रूस पर और प्रतिबंध लगाने का आग्रह करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ज़ेलेंस्की ने यहां पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनसे आमने-सामने की बातचीत करने या युद्धविराम पर सहमत होने से इनकार करते हैं तो उन्हें रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, अगर युद्ध जारी रहता है और शांति की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो हम प्रतिबंधों की उम्मीद करते हैं।
ट्रम्प ने कई बार रूस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की धमकी दी है लेकिन अब तक वह ऐसा करने में विफल रहे हैं। पिछले हफ़्ते उन्होंने कहा था कि अमेरिका बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है, लेकिन ऐसा तभी हाे पाएगा जब उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सभी देश रूस से तेल खरीदना बंद करके और एक अन्य बड़े आयातक चीन पर टैरिफ लगाने पर सहमत हो जाएं।
ट्रंप के करीबी सहयोगी यूराेपीय देशाें हंगरी और स्लोवाकिया ने रूस के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने से इनकार कर दिया है। वे यूरोपीय संघ के अंतिम दो सदस्य हैं जो अभी भी द्रुज़्बा पाइपलाइन के ज़रिए रूसी तेल खरीद रहे हैं। यूक्रेन ने पिछले महीने इस पाइपलाइन पर बमबारी की थी जिस पर हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने नाराज़गी जताई थी।
अपनी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान ज़ेलेंस्की इस बात पर भी स्पष्टीकरण मांगेंगे कि शांति समझौते के तहत अमेरिका क्या सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ट्रंप की ब्रिटेन की राजकीय यात्रा के दौरान उनके समक्ष यह सवाल उठाया था। ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनकी पत्नी ओलेना न्यूयॉर्क में मेलानिया ट्रंप से संभवतः मुलाकात करेंगी। वह रूस द्वारा अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी पर चर्चा करेंगी।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन रूस की ऊर्जा सुविधाओं को निशाना बनाने के लिए लंबी दूरी के ड्रोनों का इस्तेमाल बढ़ा रहा है। शनिवार तड़के ड्रोन ने एक हफ़्ते में दूसरी बार सारातोव तेल रिफ़ाइनरी पर हमला किया। उन्होंने यूरोप से यूक्रेन की हवाई सुरक्षा को मज़बूत करने और हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा, इस बाबत एक मज़बूत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की ज़रूरत है।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल
