

रांची, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । रांची में आयोजित ईस्ट टेक-2025 के दूसरे दिन शनिवार को ‘आत्मनिर्भरता से सम्प्रभुता’ थीम को आगे बढ़ाते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की भूमिका को केंद्र में रखा गया। ईस्ट टेक-2025 संगोष्ठी में झारखंड में रक्षा क्लस्टर और परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने पर बल दिया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना के साथ राज्य के उद्योगों के सहयोग को बढ़ाना है।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इस आयोजन की अध्यक्षता की, जहां सेना के अधिकारियों और उद्यमी व एमएसएमई प्रतिनिधियों ने पूर्वी कमान के रक्षा क्षेत्र में झारखंड के बढ़ते अवसरों पर चर्चा की। इस अवसर पर मंत्री संजय सेठ ने प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया।
मुख्यालय पूर्वी कमान (भारतीय सेना), सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स और भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में ‘झारखंड के एमएसएमई को दोहरी उपयोगिता नवाचार और रक्षा औद्योगीकरण के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना’ विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। सत्र का संचालन एमएसएमई समिति और कार्यकारी परिषद सदस्य, एसआईडीएम के सदस्य अशोक कनोडिया ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में व्यापार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं और नवाचार की ज़रूरत सबसे अधिक है, जिसकी नींव एमएसएमई की ओर से रखी जाती है।
संगोष्ठी के दौरान डीआर (कमांडर) वीके राय (भारतीय नौसेना) ने जहां एमएसएमई के लिए क्रय वरीयता योजनाओं और रक्षा मंत्रालय की पहलों की जानकारी दी, वहीं अतिरिक्त महानिदेशक (तकनीकी अधिग्रहण, सेना) मेजर जनरल तरुण अग्रवाल ने पूंजीगत खरीद में एमएसएमई की निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवा निवृत्त) ने अकादमिक संस्थानों, एमएसएमई और सशस्त्र बलों के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कि दोहरी उपयोगिता वाले नवाचार को बढ़ावा मिल सके।
एमएसएमई–डीएफओ, रांची के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत यादव ने झारखंड की रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किया और बताया कि किस प्रकार ईस्ट टेक-2025 राज्य के उद्यमियों को राष्ट्रीय मंच और सहयोग का अवसर प्रदान कर रहा है। सत्र के अंत में यह सुझाव भी सामने आये कि राज्य में रक्षा क्लस्टर और परीक्षण सुविधाएं स्थापित की जाएं, एमएसएमई के लिए विशेष सहायता तंत्र बनाया जाए और राज्य में उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया जाए।
इस दौरान 300 से अधिक बिजनेस-टू-गवर्नमेंट बैठकें आयोजित की गईं। ईस्ट टेक-2025 प्रदर्शनी में 200 से अधिक कंपनियों ने निगरानी उपकरण, हथियार, संचार और नेविगेशन प्रणाली, सैनिक सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण उपकरण, स्वास्थ्य, सिमुलेटर और टिकाऊ समाधान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्पादों और नवाचारों का प्रदर्शन किया। करीब 400 से अधिक उद्योग प्रतिनिधि और सशस्त्र बलों के खरीद निदेशालयों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम न केवल परिचालन क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि भविष्य की रक्षा आवश्यकताओं के लिए भी एक मार्गदर्शक बन रहा है।
ईस्ट टेक-2025 के तीसरे दिन कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षण संस्थान, आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों से और भी व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे भारत की रक्षा और नवाचार यात्रा को और गति मिलेगी।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
