
जयपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जूनियर अकाउंटेंट व तहसील राजस्व अकाउंटेंट संयुक्त भर्ती-2023 से जुडे मामले में प्रोबेशन पर कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी विभागीय मंत्रालयिक कोटे के 12.5 फीसदी पदों पर नियुक्ति का हकदार माना है। वहीं प्रार्थियों को वरिष्ठता व अन्य पारिणामिक परिलाभ सहित दो महीने में नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने विभिन्न न्यायिक फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी कर्मचारी की नियुक्ति नियमित चयन प्रक्रिया के जरिए स्थाई खाली पदों पर हुई है तो केवल प्रोबेशन के आधार पर उन्हें अस्थाई नहीं माना जा सकता। जस्टिस आनंद शर्मा ने यह आदेश मयंक तिवारी व अन्य की याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिए। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रार्थियों की हद तक 24 दिसंबर 2024 की अंतिम चयन सूची को संशोधित करें।
मामले से जुड़े अधिवक्ता अजातशत्रु मीना व मोविल जीनवाल ने बताया कि याचिकाकर्ता पीडब्ल्यूडी विभाग में एलडीसी के पद पर प्रोबेशन पर कार्यरत हैं। इस दौरान उन्होंने जूनियर अकाउंटेंट भर्ती-2023 में भाग लिया और इसकी मेरिट में भी आ गए, लेकिन उन्हें मंत्रालयिक कर्मचारी कोटे के पदों पर यह कहते हुए पात्र नहीं माना कि वे प्रोबेशन पर थे। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वे विधिक प्रक्रिया के तहत ही भर्ती में चयनित हुए हैं। ऐसे में उन्हें केवल प्रोबेशन स्थिति के कारण ही मंत्रालयिक कर्मचारी कोटे में अयोग्य नहीं मान सकते। उन्होंने कट ऑफ से उच्च अंक प्राप्त किए हैं और उन्हें नियुक्ति नहीं देना मनमाना है जो कि राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा नियम, 1963 के नियम के खिलाफ है।
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(Udaipur Kiran)
