
हरिद्वार, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बीएचईएल स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में विद्याभारती के क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज प्रदेश और उत्तराखंड से शिशु, बाल, तरुण और किशोर वर्ग के 425 छात्र.-छात्राएं अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। सभी प्रतिभागी विद्यालय, संकुल और प्रांत स्तर की प्रतियोगिताओं को जीतकर क्षेत्रीय स्तर पर पहुंचे हैं।
महोत्सव का शुभारंभ मुख्य वक्ता क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू, मुख्य अतिथि रानीपुर विधायक आदेश चौहान, विशिष्ट अतिथि भेल नगर प्रशासक संजय पंवार, प्रांतीय संगठन मंत्री ब्रज प्रांत हरिशंकर, विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक डा.विजयपाल सिंह, विद्या भारती के प्रांतीय मंत्री डा.रजनीकांत शुक्ल और विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्रदत्त अंथवाल ने मां सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए नत्थी लाल बंगवाल ने कहा कि महोत्सव में लोक नृत्य, मूर्ति कला, कथा कथन, तात्कालिक भाषण, गीत अंत्याक्षरी, चित्रकला, स्वरचित काव्य पाठ और आचार्य पत्र वाचन शामिल हैं। प्रतियोगिताओं में विजयी होने वाले छात्र-छात्राएं अखिल भारतीय स्तर पर अपनी प्रस्तुति देने का अवसर प्राप्त करेंगे।
मुख्य वक्ता डोमेश्वर साहू ने भारतीय संस्कृति की समृद्धि और युवाओं में सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा यह महोत्सव केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का एक मंच है। मुख्य अतिथि विधायक आदेश चौहान ने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और उन्हें राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। विशिष्ट अतिथि संजय पंवार ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियां विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करती हैं। हरिशंकर ने ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हुए प्रतिभागियों को अपनी प्रस्तुतियों में भारतीयता को और गहराई से प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिताओं में निर्णायकों के रूप में डा.राधिका नागरथ, विंदुमती द्विवेदी, डा.दीपा गुप्ता, केशव दत्त, अखिलेश मैथानी, आशा शाह, राजकुमारी थरान, रेखा सिंघल, राजकुमार, करुणा रहे।विद्यालय के प्रबंधक अजय शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व धन्यवाद प्रकट किया।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
