
कठुआ, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सेवा पर्व के उपलक्ष्य में जीडीसी महानपुर की एनएसएस इकाई ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें महात्मा गांधी जी की आत्मकथा सत्य के साथ मेरे प्रयोगों की कहानी की पुस्तक समीक्षा और चर्चा शामिल थी।
गौरतलब हो कि सत्य के साथ मेरे प्रयोगों की कहानी महात्मा गांधी की एक बहुप्रशंसित आत्मकथा है जो एक साधारण व्यक्ति से लेकर पूजनीय महात्मा और राष्ट्रपिता बनने तक के उनके सफर का वर्णन करती है। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. रूपाली जसरोटिया कार्यक्रम की संसाधन व्यक्ति थीं। उन्होंने कॉलेज की प्राचार्या प्रो. (डॉ.) संगीता सूदन के कुशल नेतृत्व में पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ. रूपाली जसरोटिया ने गांधी जी की आत्मकथा की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि यह पुस्तक गांधीजी के व्यक्तिगत नैतिक दुविधाओं, आध्यात्मिक शुद्धता और उनके सिद्धांतों के व्यावहारिक अनुप्रयोग के संघर्षों का विस्तृत अन्वेषण है। अपनी चर्चा में, उन्होंने स्वयंसेवकों को गांधीजी द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों की प्रासंगिकता से अवगत कराया। इसके अलावा, उन्होंने सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, सत्याग्रह, स्वदेशी, सर्वोदय और अपरिग्रह आदि सिद्धांतों पर भी चर्चा की। एनएसएस स्वयंसेवकों ने पुस्तक का विश्लेषण, मूल्यांकन और चर्चा भी की। कार्यक्रम का उद्देश्य आलोचनात्मक सोच और पढ़ने के प्रति साझा जुनून को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या प्रो. (डॉ.) संगीता सूदन ने राष्ट्र निर्माण और युवाओं के चरित्र निर्माण में ऐसे कार्यक्रमों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन एनएसएस प्रभारी द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम में सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। पुस्तक समीक्षा और चर्चा कार्यक्रम में 35 से अधिक एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
