Haryana

जींद : राजकीय महाविद्यालय में एनईपी 2020 पर क्षमता निर्माण एवं मेंटरिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन

कार्यशाला को संबोधित करते हुए वक्ता।

जींद, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरियाणा के तत्वावधान में तथा हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के सहयोग से राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला क्षमता निर्माण एवं मेंटरिंग का सफल आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य जिले के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, एनईपी नोडल अधिकारी और विभागाध्यक्षों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल सिद्धांतों, समग्र एवं बहुविषयी शिक्षा तथा यूजीसी द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क, एनएचईक्यूएफ, आरपीएल, सीसीएफयूपी और सीसीएफपीपी जैसे ढाँचों की जानकारी प्रदान करना रहा।

उद्घाटन सत्र में मुख्यअतिथि एस नारायण आईएफएस एवं डीजीएचई उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरियाणा ने अपने प्रशासनिक अनुभव और दूरदर्शी दृष्टिकोण से कार्यशाला की गरिमा बढ़ाई। उन्होंने सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत परिसर में एक पौधारोपण भी किया। विशिष्ट अतिथि सीआरएसयू वीसी प्रो. डा. रामपाल सैनी ने शिक्षा में नए ढांचों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। प्राचार्य सत्यवान मलिक ने कहा कि महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने का एक माध्यम बनेगी, जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के बीच संतुलन स्थापित होगा। कार्यशाला के पहले सत्र में प्रो. आरएस राठौर निदेशक आईक्यूएसी, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी पलवल ने एनसीआरएफ, आरपीएफ एवं एनएचईक्यूएफ विषय पर विस्तार से चर्चा का नेतृत्व किया।

इसके बाद दूसरे सत्र में प्रो. पवन शर्मा वाइस चांसलर केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा महेन्द्रगढ़ ने होलिस्टिक एवं मल्टीडिसिप्लिनरी शिक्षा तथा पाठ्यक्रम एवं क्रेडिट फ्रेमवर्क यूजी एवं पीजी पर प्रभावशाली प्रस्तुति दी। समापन सत्र में डा. अजीत सिंह संयुक्त निदेशक डीजीएचई हरियाणा ने कार्यशाला की गतिविधियों का फीडबैक एवं समीक्षा प्रस्तुत की। इसके उपरांत प्रो. एसके गखर वाइस चेयरपर्सन एचएसएचईसी ने अध्यक्षीय संबोधन दिया और सभी गणमान्य व्यक्तियों को पौधे भेंट किए गए। अंत में कार्यवाहक प्राचार्य नरेंद्र कुमार ढुल राजकीय महिला महाविद्यालय ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने सभी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को केवल ज्ञान ही नही बल्कि उन्हें अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास में भी सक्षम बनाएगी। ज्योति श्योराण और विशाल रेढू ने मंच का संचालन किया।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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