Haryana

सिरसा: सीडीएलयू के चार फैकल्टी सदस्यों का श्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में चयन

सीडीएलयू का मुख्य द्वार।

सिरसा, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के चार फैकल्टी सदस्यों का स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा जारी विश्व के श्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों के आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन ड्यूरिंग करियर 2025 की सूची में चयन हुआ है। वर्ष 2024 तथा अपने पूरे करियर में विशेष शोध कार्य के लिए भौतिकी विषय व डीन यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के प्रोफेसर सुशील कुमार, बायोटैक्नोलोजी विषय में प्रोफेसरजोगिन्दर दुहन, फूड साइंस टेक्नोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डा. संजू बाला ढुल व बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. प्रदीप साध का चयन इस वैश्विक प्रतिष्ठित सूची में हुआ है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने शनिवार को विश्वविद्यालय का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए इन प्राध्यापकों को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्राध्यापकों की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश गहलावत सहित अन्य प्राध्यापकों ने भी बधाई दी। विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों में भी खुशी का माहौल है। प्रो. जोगिंदर सिंह दुहन, पीएच.डी. (माइक्रोबायोलॉजी) बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा, भारत में प्राणि विज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं, जिनके पास शिक्षण और अनुसंधान में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

वह एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए यंग साइंटिस्ट अवार्ड के प्राप्तकर्ता हैं और सर्वश्रेष्ठ शोध के लिए केके नंदा पुरस्कार और कई अन्य सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के जर्नल में 130 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें यूजीसी और सीएसआईआर, नई दिल्ली से अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं मिली हैं। उन्होंने 15 एम.फिल. और 11 पीएचडी छात्रों के शोध कार्य का पर्यवेक्षण किया है।

वहीं फूड साइंस विभाग की अध्यक्ष डॉ संजू बाला ढुल वर्तमान में चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, जिनके पास 17 वर्षों से अधिक का शिक्षण एवं शोध अनुभव है।

उनकी रुचि के क्षेत्रों में स्टार्च और गोंद जैसे जैव अणुओं का लक्षण वर्णन एवं संशोधन, खाद्य फिल्मों, हाइड्रोजेल, नैनोकणों, नैनोइमल्शन की तैयारी एवं अनुप्रयोग, नए एवं शाकाहारी उत्पाद विकास तथा महिला एवं बाल पोषण शामिल हैं। उन्होंने सात पुस्तकें (पांच सीआरसी, दो स्प्रिंगर), 130 से अधिक शोध/समीक्षा पत्र और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति की विभिन्न पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में 25 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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