
कोलकाता, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संयुक्त समन्वय बैठक का समापन एक दिन पहले ही हुआ है। बैठक में शामिल अधिकारियों ने बताया है कि आगामी 2026 में राज्य के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन सुदृढ़ीकरण और अभियान की रूपरेखा तय करने पर विशेष जोर दिया गया।
बुधवार रात से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक में भाजपा के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के साथ आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के साथ विचार-विमर्श का नेतृत्व किया।
बैठक में भाजपा संगठन को मजबूती देने, जनसंपर्क बढ़ाने और 2021 के चुनावों के बाद से सामने आई चुनौतियों को दूर करने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसमें शामिल रहे संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि आरएसएस की शताब्दी समारोह (दो अक्टूबर विजयदशमी) और राजनीतिक रूप से संवेदनशील विषयों, जैसे सीएए और एसआईआर पर भी विचार किया गया।
बैठक के बाद एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “मुख्य फोकस भाजपा और आरएसएस के बीच बेहतर तालमेल पर था ताकि 2026 की जंग से पहले संगठनात्मक एकजुटता सुनिश्चित हो सके। पार्टी कुछ भी संयोग पर नहीं छोड़ना चाहती।”
हालांकि इस बैठक को लेकर यह अटकलें थीं कि भाजपा की नई राज्य समिति गठन पर चर्चा होगी, लेकिन पार्टी नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह एजेंडे में शामिल नहीं था। इसके बजाय, केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेताओं को आंतरिक मतभेद दूर कर भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक कार्यशील टीम तैयार करने का निर्देश दिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, संगठनात्मक जिम्मेदारियों के लिए रितेश तिवारी, राजू बनर्जी, संजय सिंह, प्रबल राहा, लोकेट चटर्जी और ज्योतिर्मय सिंह महतो जैसे नेताओं के नामों पर विचार हो रहा है। महिला मोर्चा की कमान के लिए शशि अग्निहोत्री और रूपा गांगुली का नाम चर्चा में है, जबकि युवा मोर्चा का नेतृत्व तरुणज्योति तिवारी या सुरंजन सरकार को सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है।
बैठक का निष्कर्ष यही रहा कि भाजपा-आरएसएस समन्वय को मजबूत कर संगठनात्मक चुनौतियों को दूर किया जाए और चुनावी अभियान को और धार दी जाए।———————-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
