West Bengal

रैगिंग कल्चर अभी भी जारी, जादवपुर विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष के छात्रों ने लगाए आरोप

कोलकाता, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक बार फिर रैगिंग विवाद ने तनाव पैदा कर दिया है। शुक्रवार शाम तक न्यू बॉयज हॉस्टल के करीब 50 तृतीय वर्ष के छात्र अरोबिंदो भवन के सामने प्रदर्शन पर उतरे। उनका कहना है कि जब तक मेन हॉस्टल (ए-1 और ए-2 ब्लॉक) से रैगिंग के आरोपित छात्रों को नहीं हटाया जाता, वे वहां शिफ्ट नहीं होंगे।

ये छात्र उसी बैच के हैं, जिसके दौरान दो वर्ष पहले मेन हॉस्टल में रैगिंग के चलते एक छात्र की मौत हुई थी। आरोप है कि हाल ही में जब कुछ छात्र मेन हॉस्टल के कमरे देखने गए थे, तो वरिष्ठ छात्रों ने उन्हें धमकाया। उनका कहना है कि “रैगिंग कल्चर आज भी वहीं का वहीं कायम है।”

छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की जांच समिति ने 17 छात्रों को दोषी पाया था और उनके निलंबन व हॉस्टल से निष्कासन की सिफारिश की थी। लेकिन दोषी छात्रों ने अदालत से स्थगनादेश (स्टे ऑर्डर) ले लिया, जिसके कारण वे अब भी मेन हॉस्टल में रह रहे हैं।

आंदोलनरत छात्रों का कहना है कि “हम उन्हीं वरिष्ठों के साथ एक ही गेट और डाइनिंग स्पेस साझा करने में सुरक्षित महसूस नहीं करते। या तो उन्हें अन्यत्र भेजा जाए या हमें अलग भवन दिया जाए।”

दूसरी ओर, मेन हॉस्टल (ए-1 और ए-2) में रहने वाले छात्रों का कहना है कि उनका कोर्स पूरा होने में अब भी दस महीने बाकी हैं और इस दौरान प्लेसमेंट सीजन भी चल रहा है। ऐसे में अचानक हॉस्टल बदलना उनके लिए मुश्किल होगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अदालत के आदेश के कारण फिलहाल आरोपित छात्रों को हटाना संभव नहीं है। अधिकारियों का मानना है कि तीसरे वर्ष और वरिष्ठ छात्रों को अलग रखने के लिए मेन हॉस्टल में आंतरिक विभाजन (पार्टीशन), अलग डाइनिंग स्पेस और कॉमन रूम जैसी व्यवस्था की जा सकती है।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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