
ठेकेदार द्वारा बिना निरीक्षण के निर्माण कार्य प्रांरभ किया- उपमहाप्रबंधक
सिवनी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । सिवनी जिले के केवलारी विकासखंड मुख्यालय के समीप ग्राम बिनेकी में शुक्रवार की शाम एक बड़ा हादसा हो गया। यहां निर्माणाधीन सांदीपनी विद्यालय भवन की छत अचानक ढह गई, जिससे निर्माण कार्य में लगे लगभग 10 मजदूर मलबे के नीचे दब गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों और अन्य मजदूरों ने साहस दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को काफी मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला गया और उन्हें तत्काल केवलारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया गया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक देखते हुए 9 मजदूरों को जिला चिकित्सालय सिवनी रेफर कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह विद्यालय भवन 28 करोड़ रुपये की लागत से एनएनवी कंस्ट्रक्शन कंपनी, भोपाल द्वारा निर्मित किया जा रहा है। हादसा उस समय हुआ जब लगभग 1.25 लाख वर्गफीट क्षेत्र में छत ढलाई का कार्य चल रहा था। आरोप है कि निर्माण एजेंसी द्वारा ढलाई से पहले सेंटिंग (लोहे की सपोर्टिंग संरचना) को सही तरीके से स्थापित नहीं किया गया था। ढलाई के दौरान ही यह सपोर्टिंग संरचना दबाव नहीं झेल पाई और अव्यवस्थित होकर गिर गई। इसी वजह से भारी-भरकम छत का हिस्सा धड़ाम से नीचे आ गिरा और मजदूर उसके नीचे दब गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रही थी। मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए गए थे। वहीं, भवन विकास निगम के तकनीकी अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण स्थल पर नियमित निरीक्षण नहीं किया जा रहा था और कई दिनों से निर्माण में खामियां दिखाई दे रही थीं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे अनदेखा कर दिया।
घटना में घायल मजदूरों की पहचान इस प्रकार हुई है, आशाराम (25) पुत्र मनीराम अहिरवार निवासी ग्राम झिलमिली थाना बंडोल, राकेश सिंह (40) पुत्र गया सिंह गौड़ निवासी ढलको कोठार जिला शहडोल हाल निवासी बिनेकी, प्राणनाथ सिंह (27) पुत्र चन्द्रबली सिंह गौड़ निवासी ग्राम मसौली जिला सीधी, प्रमोद (35) पुत्र चेतराम यादव निवासी केवलारी, बलीराम (53) पुत्र उनेसा परतेती निवासी जुन्नारदेव, बेनीसिंह (36) पुत्र दसरू उईके निवासी ग्राम झिलमिली, राजाराम (40) पुत्र मोहन गजेन्द्र निवासी सुकतरा थाना केवलारी, लोकेश (25) पुत्र राधेश्याम उईके निवासी ग्राम बोरिया केवलारी, धनसिंह (40) पुत्र इमरत झारिया निवासी अहरवाड़ा थाना केवलारी और कोमल (35) पुत्र रखी कुशवाह निवासी केवलारी। इन सभी में से प्राणनाथ को छोड़कर नौ मजदूरों को जिला चिकित्सालय सिवनी रिफर किया गया है।
इस हादसे के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि दोषी निर्माण कंपनी और लापरवाह अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही घायलों को उचित इलाज और मुआवजा दिलाया जाए। हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
यह हादसा न केवल लापरवाही का परिणाम है बल्कि यह भी दर्शाता है कि बड़े बजट के सरकारी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते निरीक्षण और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाती, तो इस तरह की गंभीर घटना को रोका जा सकता था।
वन विकास निगम सिवनी के उपमहाप्रबंधक एम.के.अंसारी ने बताया कि यह घटना दुखद है ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती गई है जिससे यह घटना हो गई है। दो चरणों में निरीक्षण होता है ठेकेदार द्वारा निरीक्षण के वगैर ही निर्माण कार्य प्रांरभ कर दिया था जिससे यह घटना घटित हुई है।
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
