
जयपुर, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । सेन्ट्रल जेल जयपुर में सजायाप्ता पुत्र को 18 साल पहले 20 नवम्बर, 2006 को पैरोल पर छुड़ाने के बाद फरार कराने तथा पकड़ने गई वैशाली नगर-जयपुर पुलिस की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, क्रम संख्या-04, मेट्रो-द्वितीय ने आरोपी रहे उड़ीसा के पूर्व महा निदेशक होमगार्ड 75 वर्षीय विद्याभूषण मोहंती को दोषमुक्त कर दिया है। इस संबंध में तत्कालीन कार्यवाहक जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने लाल कोठी पुलिस थाने में 10 जनवरी, 2007 को एफआईआर दर्ज करवाई थी। अनुसंधान पुलिस ने पूर्व आईपीएस विद्याभूषण मोहंती के खिलाफ अदालत ने 23 जनवरी, 2008 को चार्जशीट पेश की थी।
विद्या भूषण मोहंती की ओर से अदालत को बताया कि वह निर्दोष हैं। मामले में झूठा फंसाया गया हैं। पुत्र के पकड़े जाने, गिरफ्तार करने में कोई अड़चन व बाधा नहीं डाली और ना ही आश्रय दिया। बचाव पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि परिवादिया जेल अधीक्षक की ओर से पेश की रिपोर्ट की अन्य गवाहों ने ताईद नहीं की हैं। पुत्र को पैरोल पर छुड़ाकर फरार कराने के गलत आरोप लगाए हैं। अभियोजन पक्ष मामले में संलिप्त होने की लेशमात्र भी साक्ष्य पेश नहीं की हैं। ऐसे में दोषमुक्त घोषित किया जाए।
यह था मामला :
पूर्व डीजी होमगार्ड विद्याभूषण मोहंती के पुत्र को बीटीहोत्रा मोहंती को 2004 में अलवर में हुए दुष्कर्म के अपराध में 07 साल की सजा हुई थी और जयपुर जेल में बंद था। आरोपी पुत्र को मां की गंभीर बीमारी के आधार पर 20 नवम्बर, 2006 को आपात पैरोल पर छोड़ा गया था। उसे 15 दिन बाद 04 दिसम्बर को सजा भुगतने के लिए जेल में समर्पित होना था, लेकिन वह फरार हो गया। साथ ही पैरोल की शर्त के अनुसार उसे प्रत्येक 02 दिन में वैशाली नगर थाने में हाजिरी देनी थी, लेकिन पुत्र ने थाने में उपस्थिति नहीं दी थी।
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(Udaipur Kiran)
