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आपातकाल पर कार्यक्रम कर युवा पीढ़ी को जागरूक कर रहा हिन्दुस्थान समाचारः रामलाल

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सूरत, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने शुक्रवार को कहा कि आपातकाल का सामना अनेक राष्ट्रभक्तों ने किया है। आपातकाल में वे खुद भी जेल में रहे। उन्हें मेरठ जेल में रात के समय ले जाया गया था। उस समय का शासन ऐसा था कि न तो जमानत मिलती थी और न ही कोई कानून था। और न कुछ पता चल पाता था कि कितने दिनों तक जेल में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आपातकाल का विरोध करने वाले अनेक राष्ट्रभक्तों को कई प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ी थीं। (Udaipur Kiran) को भी आपातकाल में कई प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था।

रामलाल शुक्रवार को देश की प्रथम बहुभाषी संवाद समिति (Udaipur Kiran) के तत्वावधान में “आपातकाल के 50 वर्ष” विषय पर यहां के वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। रामलाल ने कहा कि जिन लोगों ने भी आपातकाल की यातनाएं सहीं हैं, वे लोग भलीभांति जानते हैं कि उस समय की परिस्थितियां कैसी थीं। (Udaipur Kiran) भी उसमें से एक है। आपातकाल के 50 वर्ष पर कार्यक्रम कर (Udaipur Kiran) आज की युवा पीढ़ी को जागरूक कर रहा है। यह कार्य अत्यंत सराहनीय और उल्लेखनीय है। इसी तरह सभी को कार्य करते रहना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता (Udaipur Kiran) के अध्यक्ष अरविंद भालचंद्र मार्डीकर ने की। कार्यक्रम में आपातकाल के भुक्तभोगी पद्मश्री विष्णुभाई पंड्या, सूरत के महापौर दक्षेशभाई मावाणी और अजय केआर भी मौजूद रहे।

महापौर दक्षेश मावाणी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सूरत शहर में आपातकाल पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हिन्दुस्तान समाचार बधाई का पात्र है। क्योंकि सूरत शहर भी उस आपातकाल का साक्षी रहा है। वह समय कठिनाइयों से भरा हुआ था।

विष्णु पंड्या ने कहा, मैं आपातकाल का भक्तभोगी रहा हूं। मैंने आपातकाल के वे दिन अपनी आंखों से देखे हैं। मैं जेल भी गया था और जानता हूं कि लोग कितनी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे थे। (Udaipur Kiran) का यह कार्यक्रम नई पीढ़ी को जागरूक करेगा कि आपातकाल के दिन कैसे थे। इस तरह के कार्यक्रम लगातार होते रहने चाहिए। (Udaipur Kiran) ने यह बहुत अच्छा कार्य किया है। हम उसकी सराहना करते हैं।

कार्यक्रम के दौरान “आपातकाल के 50 वर्ष” पर गुजराती विशेषांक और हिन्दी में नवोत्थान मासिक पत्रिका का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम से पूर्व विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में चित्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें 2000 से अधिक विद्यार्थियों ने चित्र भेजे थे। इनमें से विजेता विद्यार्थियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने वाले शिक्षकों और विद्यालयों का भी सम्मान किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में गणमान्य अतिथियों के आपातकाल पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में आयोजित चित्र प्रतियोगिता में विजयी छात्रों की कृतियों को भी प्रदर्शित किया गया था।

(Udaipur Kiran) /अभिषेक बारड

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(Udaipur Kiran) / Madhvi Vyas

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