
– नवाचारों के हब बनेंगे टियर-2 शहर, एमपीएसईडीसी, आरजीपीवी और एलएंडटी एजूटेक के बीच हुआ एमओयू
भोपाल, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश के तकनीकी संस्थानों से तैयार होने वाले मानव संसाधन और उद्योगों के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल के बीच की खाई पाटने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसईडीसी), राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) और एलएंडटी एजूटेक के बीच एक एमओयू किया गया है। आरजीपीवी के कुलगुरू प्रो. राजीव त्रिपाठी, एमपीएसईडीसी, निवेश संवर्धन प्रभारी अवंतिका वर्मा और एलएंडटी एजूटेक टीम लीड राजा पांचाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये है।
जनसम्पर्क अधिकारी जूही श्रीवास्तव ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि समझौता ज्ञापनके अनुसार, एलएंडटी एजुटेक तकनीकी और शैक्षणिक सामग्री तथा ट्रेनर-सपोर्ट प्रदान करेगी, आरजीपीवी अकादमिक समन्वय एवं विद्यार्थी चयन में भूमिका निभाएगा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग वित्तीय व तकनीकी व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगा।
उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद अब तकनीकी कौशल और औद्योगिक प्रशिक्षण में नवाचार की दृष्टि से एलएंडटी द्वारा विकसित विशेष पाठ्यक्रम आरजीपीवी के माध्यम से प्रदेश के इंजीनियंरिंग संस्थानों में लाँच किये जा रहे हैं। इससे आने वाले वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक-ईकोसिस्टम सशक्त बनेगा। साथ ही भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे टियर-2 शहर नवाचार के नए केंद्र बनेंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में विगत वर्षों में प्रदेश के विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों को उद्योग की वास्तविक मांगों से जोड़कर इंड्स्ट्री-रेडी इंजीनियर तैयार करने की पहल की गई है। प्रदेश में प्रति वर्ष 50 हजार से अधिक इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी स्नातक नौकरी बाजार में आ रहे हैं। अकादमिक-औद्योगिक तालमेल को आवश्यक मानते हुए एलएंडटी एजूटेक द्वारा विशेष रूप से विकसित पायलट पाठ्यक्रम आरजीपीवी के माध्यम से लाँच किये गये हैं। इन पाठ्यक्रमों के अंतर्गत तकनीकी मानव संसाधनों को वास्तविक परियोजनाओं, वर्चुअल लैब और इंडस्ट्री-लीडरशिप एनेबल्ड सत्रों के माध्यम से सक्षम बनाया जा रहा है।
एलएंडटी एजूटेक आरजीपीवी में दो पायलट कोर्स आरम्भ करेगी जो पांचवें सेमेस्टर से पढ़ाये जाएंगे। इनमें ‘डेटा हैंडलिंग के लिए पायथन’ और फ्रंट-एंड यूआई/यूएक्स शामिल हैं। एलएंडटी एजूटेक के पायलट पाठ्यक्रम के प्रारम्भिक बैच में 100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। पाठ्यक्रम में 75 घंटे का संरचित कार्यक्रम शामिल होगा। विद्यार्थियों को ‘ऑनलाइन कंटेंट + लाइव एक्सपर्ट सेशंस + प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग + वर्चुअल लैब’ से प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले पात्र विद्यार्थियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। पाठ्यक्रम में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण से विद्यार्थियों की तकनीकी दक्षता और व्यावहारिक अनुभव बढ़ाया जायेगा। प्रारंभिक बैच में आरजीपीवी में चयनित विद्यार्थियों को शामिल किया जायेगा। फैकल्टी डेवलपमेंट वर्कशॉप, इंडस्ट्री-इंटर्नशिप मॅचमेकिंग, एडवांस्ड स्पेशलाइजेशन मॉड्यूल और राज्यस्तरीय रोलआउट टाइमलाइन। एमपीएसईडीसी द्वारा नियमित प्रगति रिपोर्ट और परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा ताकि नीतिगत स्तर पर उपयुक्त निर्णय लिए जा सकें। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह एक पायलट पाठ्यक्रम है, परिणाम सकारात्मक आने पर इसे प्रदेश के दूसरे टेक्निकल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भी लागू किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों के मूल्यांकन में परियोजना-आधारित आकलन, ऑनलाइन टेस्ट, प्रशिक्षक-आधारित फीडबैक और वर्चुअल लैब प्रोजेक्ट की प्रस्तुति शामिल की जायेगी। पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर एलएंडटी एजूटेक तथा आरजीपीवी के सम्मिलित मानदंडों के अनुरूप ई-सर्टिफिकेट जारी किए जाएँगे।
(Udaipur Kiran) तोमर
