Uttar Pradesh

लखीमपुर खीरी मेडिकल कॉलेज में अब प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से भी होगा इलाज- डॉ वाणी गुप्ता

फाइल फोटो प्रधानाचार्य डॉ वाणी गुप्ता

मेडिकल कॉलेज में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की होगी स्थापना

लखीमपुर खीरी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्वस्थ भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लखीमपुर खीरी स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना की शुरुआत होगी है। इस केंद्र को सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचरोपैथी नई दिल्ली एवं आयुष मंत्रालय द्वारा औपचारिक स्वीकृति प्रदान की गई है। प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।

महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. वाणी गुप्ता ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक प्राचीन विधा है, जिसके बहुत अधिक फायदे हैं मिट्टी व भाप थेरेपी से भी तमाम रोगों का इलाज संभव हो सकेगा। जिले के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। प्राकृतिक चिकित्सा एक वैकल्पिक स्वास्थ्य पद्धति है जो शरीर की आंतरिक उपचार क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसमें प्रकृति के तत्वों जैसे जल, वायु, सूर्य के प्रकाश और आहार का उपयोग किया जाता है। यह किसी भी औषधीय पदार्थ का उपयोग किए बिना, एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और बीमारी को रोकने के लिए सशक्त बनाना है।

डॉ. वाणी गुप्ता ने बताया योग, उपवास, मालिश और प्राकृतिक स्नान जैसी पद्धतियां इस चिकित्सा का हिस्सा हैं। इस केंद्र की स्थापना के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र की शुरुआत होने के साथ ही यह केंद्र छात्रों, संकाय सदस्यों और स्थानीय जनसमुदाय सभी के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। यहां मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य कर्मियों को योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का प्रशिक्षण तो मिलेगा ही, साथ ही आमजन भी स्वास्थ्य सेवाओं का सीधा लाभ उठा सकेंगे। यह पहल आधुनिक चिकित्सा शिक्षा को आयुष पद्धति से जोड़ते हुए समाज के समग्र स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. वाणी गुप्ता ने आगे कहा कि “यह केंद्र न केवल हमारे मेडिकल छात्रों के लिए उपयोगी होगा बल्कि स्थानीय समुदाय को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा भारतीय संस्कृति का अमूल्य धरोहर है और यह पहल निश्चित ही स्वस्थ समाज और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर बनेगी।”

केंद्र की प्रमुख विशेषताएं

प्रधानाचार्य डॉ वाणी गुप्ता ने बताया कि इस केंद्र से छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के लिए नियमित योग प्रशिक्षण व कार्यशालाएं आयोजित होगी, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों (नेचुरोपैथी) पर आधारित डायट थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, मैग्नेटोथेरेपी एवं डिटॉक्स प्रोग्राम होंगे, मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने हेतु माइंडफुलनेस, ध्यान एवं प्राणायाम सत्र होंगे, मानसिक स्वास्थ्य संवर्द्धन और रोग-निवारण में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का समावेश होगा।

(Udaipur Kiran) / देवनन्दन श्रीवास्तव

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