Uttar Pradesh

आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने विकसित किया पर्यावरण-अनुकूल हरितअरोही कुटीर

शोधकर्ताओं द्वारा बनाई गई हट का छायाचित्र

कानपुर, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने पर्यावरण के अनुकूल निर्माण के लिए एक नया कदम उठाया है। डॉ. दीपक कुमार मौर्य के नेतृत्व में कुलदीप दीक्षित और श्याम बाबू की टीम ने प्रो सीएस उपाध्याय के मार्गदर्शन में हरितअरोही कुटीर नामक एक ईको-फ्रेंडली हट बनाया है।

खास बात यह है कि यह हट पूरी तरह से स्थानीय रूप से उपलब्ध जंगली केन घास और कृषि कचरे से बनाया गया है। इसके पैनल और ईको-ब्रिक की मजबूती, अग्निरोधक क्षमता (1100 डिग्री सेल्सियस तक परीक्षण), नमी प्रतिरोध होने के साथ ही पारम्परिक सामग्रियों की तुलना में अधिक भार सहन करने में सक्षम है। इस हट की हर दीवार अलग-अलग प्रकार की टिकाऊ सामग्री जैसे कंस-स्ट्रक्ट ईंट, कंस-क्रीट ईंट, और कंस-बोर्ड ये सब फसल अवशेष, पौधे से बने रेजिन, चूना, गुड़ और दाल के हैं। पैनल 6-32 टन तक का भार सहन कर सकते हैं, जिससे ये दो-तीन मंजिला भवनों के लिए उपयुक्त हैं।

प्रो. सीएस उपाध्याय ने शुक्रवार काे बताया कि हरितअरोही कुटीर केवल पर्यावरण अनुकूल हट नहीं है, बल्कि टिकाऊ निर्माण के लिए एक नया आयाम है। स्थानीय केन घास और कृषि कचरे का उपयोग करके हमने दिखाया है कि प्राकृतिक फाइबर आधारित सामग्री न केवल गर्मी से बचाव करती हैं, बल्कि मजबूत और अग्निरोधी भी हैं। ग्रामीण आवास, आपदा राहत केंद्र, और इको-रिसॉर्ट्स में ये एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

यह सामग्री आग, बारिश, प्रभाव और पर्यावरणीय क्षरण के लिए परीक्षण की गई है और टर्माइट्स ही नहीं बल्कि मौसम से भी सुरक्षित है। यह पहल ग्रामीण रोजगार को भी बढ़ावा देने के साथ ही कृषि अपशिष्ट का भी सदुपयोग करती है।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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