मुंबई, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि महाराष्ट्र को नए उद्योगों के लिए एक ‘सर्वश्रेष्ठ मॉडल’ बनाना चाहिए। इसके लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस’ के नियमों में आवश्यक सुधार किए जाने चाहिए और नए उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक परमिट कम किए जाएँ और समय की बचत की जाए।
मुख्यमंत्री फडणवीस आज सह्याद्री गेस्ट हाउस में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस’ में सुधारों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समृद्ध औद्योगिक महाराष्ट्र के निर्माण के लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस’ नीति लागू की जा रही है। इन सुधारों को लागू करके, महाराष्ट्र को नए उद्योग शुरू करने के लिए एक ‘सर्वश्रेष्ठ मॉडल’ बनाना चाहिए। नगरीय विकास विभाग को उद्योगों द्वारा आवश्यक भवन निर्माण परमिट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित करनी चाहिए। नियमों के अनुसार, निर्माण अनुमति के लिए आवेदन करने के बाद, संबंधित व्यक्ति को इस प्रणाली के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज़ पूरे करके निर्माण अनुमति प्राप्त करनी चाहिए। आवेदक का समय बचाने के लिए यह व्यवस्था ‘ऑटो सिस्टम’ पर लागू की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के लिए आवश्यक कई परमिट कई विभागों से संबंधित होते हैं। ऐसे में, एक ही आवेदन में सभी संबंधित परमिट जारी करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उद्यमी को दोबारा आवेदन न करना पड़े, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रदूषण की दृष्टि से हरित श्रेणी में आने वाले उद्योगों को अगले कुछ वर्षों तक विभिन्न लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता न हो, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए। एक निश्चित अवधि के बाद लाइसेंस जारी और विनियमित किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए कई लाइसेंस जिला स्तर पर जारी किए जाते हैं। इसमें जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस शीघ्र जारी करने के लिए राज्य स्तर पर संबंधित विभागों के बीच समन्वय बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य में उद्योग-अनुकूल वातावरण बनाकर उद्योगों को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इन सुधारों के कारण राज्य में अधिक से अधिक निवेश आएगा और उद्योग बढ़ेंगे। इससे सभी संबंधितों के लिए एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के हमारे लक्ष्य को प्राप्त करना संभव होगा। इसलिए, प्रणालियों द्वारा किए जा रहे सुधारों को गंभीरता से लागू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी अपेक्षा व्यक्त की कि नए उद्यमियों को यह विश्वास दिलाया जाना चाहिए कि महाराष्ट्र में उद्योग शुरू करने में देश में सबसे कम समय लगता है।
इस बैठक में मुख्य सचिव राजेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) ओ. पी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खडग़े, अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगरीय विकास) असीम कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव (उद्योग) पी. अलबलगन, प्रमुख सचिव (योजना) सौरभ विजय, विकास आयुक्त (उद्योग) दीपेंद्र सिंह कुशवाह आदि बैठक में उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) यादव
