Haryana

गुरुग्राम: पिछले 11 वर्षों में हरियाणा प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में दर्ज किए बड़े सुधार: मुख्यमंत्री

गुरुग्राम में आईएसबीटीआई के 50वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन स्वर्ण जयंती ट्रांसकॉन के शुभारंभ अवसर पर पुस्तिका का विमोचन करते सीएम नायब सिंह सैनी।

-स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में हरियाणा बना रहा अपनी अलग पहचान

-मुख्यमंत्री ने आईएसबीटीआई के 50वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन स्वर्ण जयंती ट्रांसकॉन 2025 का किया शुभारंभ

गुरुग्राम, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक बनाने, स्वैच्छिक रक्त दान को बढ़ावा देने और ब्लड बैंक सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि हरियाणा में ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेवाओं का उच्चतम मानक बना रहे और प्रत्येक नागरिक को समय पर सुरक्षित रक्त उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम में आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांस फ्यूजन एंड इम्यूनो हेमेटो लॉजी (आईएसबीटीआई) के 50वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन स्वर्ण जयंती ट्रांसकॉन 2025 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में हरियाणा के सहकारिता, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर तथा गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा में कुल 149 ब्लड सेंटर कार्यरत हैं। जिनके माध्यम से इस वर्ष 3 लाख 30 हजार यूनिट्स ब्लड एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्धारित लक्ष्यों के तहत अब तक 2 लाख 22 हजार 433 यूनिट ब्लड एकत्रित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सैनिकों, किसानों और युवाओं की भूमि है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रदेश ने आज वह मुकाम हासिल कर लिया है, जहां एक ओर औद्योगिक पहचान के रूप में देशभर में अग्रणी है तो दूसरी ओर स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में भी अब हरियाणा अपनी अलग पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है। पिछले 11 वर्षों में प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि जहां पहले 30 बेड के अस्पताल हुआ करते थे, वहां अब 100 बेड की सुविधा उपलब्ध है। इसी प्रकार 100 बेड वाले अस्पतालों को 200 बेड और 200 बेड वाले अस्पतालों को 400 बेड तक विस्तार दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार धरातल पर गंभीरता से कार्य कर रही है, ताकि प्रदेश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जहां हरियाणा में प्रतिवर्ष केवल 700 डॉक्टर ही तैयार होते थे, आज यह संख्या बढक़र 2600 प्रति वर्ष हो गई है। सरकार का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर वर्ष 2029 तक 3400 डॉक्टर प्रतिवर्ष तक पहुंचाने का है। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि युवाओं को बेहतर अवसर मिलें और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयां प्राप्त हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएच और ब्लड बैंक स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ हैं। इनके माध्यम से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। यदि सरकार, स्वास्थ्य संगठनों और समाज का सामूहिक सहयोग मिले तो आने वाले समय में यह क्षेत्र और अधिक सुरक्षित, उन्नत और प्रभावी बन सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित रक्तदान, जन-जागरूकता और वैज्ञानिक अनुसंधान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो हरियाणा को ब्लड डोनेशन और ट्रांसफ्यूजन सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां दिलाएंगे।

(Udaipur Kiran)

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