
पौड़ी गढ़वाल, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घंडियाल में अंतराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस पर जनजागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सर्पदंश के बचाव के उपाए बताए गए।
शुक्रवार को आयोजित गोष्ठी में चिकित्साधिकारी डा. अजय सैनी ने कहा कि प्रति वर्ष सर्पदंश के बढ़ते केसों के चलते आज इस ओर जागरूकता की अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है। कहा कि यदि सांप काटे तो बिल्कुल भी डरना या घबराना नहीं चाहिए, सांप के काटने पर यदि समय से उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को आसानी से बचाया जा सकता है। कहा कि सांप के काटने पर झाड़ फूक आदि से दूर रहना चाहिए। उन्होंने सर्पदंश के लिए उपयोग होने वाली एंटी स्नेक वेनम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह सभी चिकित्सालयों में उपलब्ध है। बताया कि सांप काटने वाली जगह पर दो घाव के निशान के अलावा हाथ पैर सुन्न होना, काटने की जगह पर तेज दर्द, मतली व उल्टी आना, सांस लेने में परेशानी, काटने की जगह पर लाली, बहुत पसीना आना जैसे लक्षण हो सकते हैं, जिसमें घाव को बर्फ या पानी से नहीं धोना चाहिए व दबाव बनाकर खून को रोकने की कोशिश नही करनी चाहिए, घाव को चाकू आदि से नहीं काटना चाहिए व काटने वाली जगह पर चूस कर जहर निकालने की कोशिश भी नही करनी चाहिए।
बताया कि 85 फीसदी सांप जहरीले नही होते। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. शिव मोहन शुक्ला ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय सर्प दंश दिवस पर सभी ब्लॉकों में जनजागरूकता गतिविधियां का आयोजन किया गया है। जिले में अप्रैल से अभी तक सर्प दंश के 41 केस आए जिसमें समय पर उपचार मिलने से सभी लोग स्वस्थ हैं, इसके साथ ही सर्प दंश के बढ़ते मामलों को लेकर विभाग द्वारा जिले के सभी ब्लॉकों में सामुदायिक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इस मौके पर डा. मीनाक्षी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक शरद रौतेला, तूलिका पंत,मीनू राणा,पंकज शाह आदि शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
