शिमला, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में इस बार सेब सीजन के दौरान भारी बारिश और सड़कों को हुए नुकसान के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन और आपूर्ति देखने को मिली है। 27 जून से 15 सितंबर 2025 की अवधि में 20 किलो वजन की कुल 1,73,74,204 सेब की पेटियां प्रदेश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई गई हैं। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1,23,18,924 पेटियां बाजार में पहुंची थीं। एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह सफलता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की निगरानी और लोक निर्माण विभाग के निरंतर प्रयासों के कारण संभव हो पाई है। सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों को रिकॉर्ड समय में दुरुस्त किया या अस्थायी रूप से जोड़ा ताकि सेब की ढुलाई प्रभावित न हो। अधिकतम नुकसान के समय भी सरकार ने चौबीसों घंटे काम कर बागवानों की सुविधा सुनिश्चित की।
प्रवक्ता ने बताया कि इस बार शिमला और किन्नौर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) से सबसे ज्यादा 1,09,86,863 पेटियों की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष 77,40,164 थी। मंडी एपीएमसी से 16,81,055 पेटियां बिकीं, जबकि पिछले साल 89,19,893 पेटियां बिकी थीं। सोलन एपीएमसी में 24,90,835 पेटियां बिकीं, जो पिछले वर्ष 22,18,685 थी। कुल्लू एपीएमसी से इस बार 20,88,374 पेटियां बेची गईं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 14,03,392 रहा था।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार बागवानों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत किसानों को लाभ भी दिए गए हैं। एचपीएमसी ने इस सीजन में अब तक 55,000 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है।
एचपीएमसी ने इस कार्य को सरल बनाने के लिए 274 संग्रहण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सेब की खरीद सक्रिय रूप से चल रही है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सड़कें खराब होने से ट्रक कुछ केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने समय पर सेब उठान के लिए अतिरिक्त ट्रकों की तैनाती के निर्देश दिए हैं।
प्रवक्ता के अनुसार पराला (शिमला), परवाणू (सोलन) और जरोल (मंडी) में स्थित एचपीएमसी के फल प्रसंस्करण संयंत्र भी अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं। इन संयंत्रों में प्रतिदिन लगभग 400 टन सेब का प्रसंस्करण किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
